इंदौर, 28 जनवरी (एजेंसी)
आध्यात्मिक गुरु भय्यू महाराज को ब्लैकमेल करके उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी पाते हुए जिला अदालत ने 28 वर्षीय एक महिला व उसके 2 सहयोगियों को शुक्रवार को 6-6 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र सोनी ने आध्यात्मिक गुरु की आत्महत्या के हाई-प्रोफाइल मामले में पलक पौराणिक (28), विनायक दुधाड़े (45) और शरद देशमुख (37) को विभिन्न धाराओं में दोषी करार देते हुए यह सजा सुनाई।
भय्यू महाराज (50) ने इंदौर के बाईपास रोड स्थित अपने बंगले में 12 जून 2018 को अपने लाइसेंसी रिवॉल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। अदालत ने 56 पन्नों के फैसले में कहा कि पुलिस की जांच और अभियोजन के गवाहों के बयानों से साबित हुआ है कि पौराणिक, दुधाड़े और देशमुख ने षड्यंत्र किया था और वे भय्यू महाराज पर पौराणिक से विवाह का बार-बार दबाव बनाकर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे तथा उन्हें धमकाकर उनसे धन की मांग भी कर रहे थे। न्यायाधीश ने कहा, ‘पौराणिक, भय्यू महाराज की सेवादार मात्र थी अर्थात उनके संबंध क्रमशः नौकर और मालिक के थे। फिर भी पौराणिक का भय्यू महाराज की अलमारी में उनके कपड़ों के साथ अपने कपड़े रखना, उनका कमरा साझा करना, गाड़ी में उनके बगल में बैठना, उन्हें (अन्य महिला के साथ) विवाह करने से रोकना तथा स्वयं उनसे शादी की इच्छा रखना दर्शाता है कि पौराणिक, भय्यू महाराज की इच्छा को कहीं न कहीं अधिशासित करते हुए उन पर दबाव बनाने की स्थिति में थी।’
पुलिस को भय्यू महाराज के घर से छोटी-सी डायरी के पन्ने पर लिखा सुसाइड नोट बरामद किया था। इसमें उन्होंने लिखा था,’वह भारी तनाव से तंग आकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर रहे हैं।’ पुलिस ने इन तीनों की गिरफ्तार के बाद कहा था कि वे भय्यू महाराज को ब्लैकमेल करने के साथ ही उन्हें नशीली दवाएं भी दे रहे थे।