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भगवान जगन्नाथ की वापसी यात्रा

पुरी : हजारों श्रद्धालुओं द्वारा ‘जय जगन्नाथ’! के जयकारों और झांझ-मंजीरों की ध्वनि के बीच, भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ की ‘बहुड़ा यात्रा’ (वापसी यात्रा) सोमवार को शुरू हुई। तय कार्यक्रम के अनुसार ‘बहुड़ा यात्रा’ अपराह्न चार बजे...
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पुरी : हजारों श्रद्धालुओं द्वारा ‘जय जगन्नाथ’! के जयकारों और झांझ-मंजीरों की ध्वनि के बीच, भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ की ‘बहुड़ा यात्रा’ (वापसी यात्रा) सोमवार को शुरू हुई। तय कार्यक्रम के अनुसार ‘बहुड़ा यात्रा’ अपराह्न चार बजे शुरू होनी थी लेकिन कई घंटे पहले से ही श्रद्धालुओं का जमावड़ा शुरू हो गया था। श्रद्धालुओं ने भगवान बलभद्र के रथ ‘तलध्वज’ को अपराह्न तीन बजकर 25 मिनट पर खींचना शुरू किया । देवी सुभद्रा का रथ ‘देवदलन’ अपराह्न चार बजे वापसी यात्रा पर निकला, जबकि भगवान जगन्नाथ के रथ ‘नंदीघोष’ की ‘बहुड़ा यात्रा’ अपराह्न चार बजकर 15 मिनट पर शुरू हुई। पुरी के राजा ‘गजपति महाराज’ दिव्य सिंह देब द्वारा ‘छेरा पहरा’ अनुष्ठान करने के बाद रथ खींचने की शुरुआत हुई। इस दौरान उन्होंने पवित्र जल छिड़क कर सोने की झाड़ू से तीनों रथों को साफ किया। 7 जुलाई को रथ यात्रा में भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा, भगवान जगन्नाथ और चक्रराज सुदर्शन 12वीं सदी में निर्मित जगन्नाथ मंदिर से गुंडिचा मंदिर गए थे। -एजेंसी/चित्र : प्रेट्र

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