नयी दिल्ली, 7 दिसंबर (एजेंसी)
लोक सभा में धर्मांतरण का मुद्दा उठाते हुए मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी के दो सदस्यों ने मांग की कि दूसरा धर्म अपनाने वाले लोगों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए। साथ ही सदन में शून्यकाल के दौरान ही बीजू जनता दल के एक सांसद ने समान नागरिक संहिता को लागू करने की भी मांग उठाई।
भाजपा के निशिकांत दुबे ने झारखंड में धर्मांतरण के विषय को उठाते हुए कहा कि प्रलोभन देकर लोगों का धर्म परिवर्तन कराने का चलन बढ़ता जा रहा है। संविधान के अनुच्छेद 341 में कहा गया है कि अनुसूचित जाति (एससी) के लोग यदि धर्म परिवर्तन करेंगे तो उनका आरक्षण समाप्त हो जाएगा, इस कारण से एससी वर्ग धर्मांतरण से बचा हुआ है। दुबे ने कहा कि लेकिन अनुसूचित जनजाति (एसटी) की एक अलग प्रकृति है, इसलिए अनुच्छेद 342 में अनुच्छेद 341 की तरह व्यवस्था नहीं है। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि अनुच्छेद 342 को अनुच्छेद 341 की तरह ही लागू किया जाए और धर्मांतरित होने वाले अनुसूचित जनजाति के लोगों का आरक्षण का लाभ समाप्त किया जाना चाहिए जिससे यह प्रवृत्ति रुकेगी। भाजपा के ही ढाल सिंह बिसेन ने मध्य प्रदेश में धर्मांतरण के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि धर्मांतरण पर रोक लगनी चाहिए और धर्म बदलने वालों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए।
बीजद के भर्तृहरि महताब ने देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की मांग करते हुए कहा कि संविधान तैयार करते समय ही इस संबंध में विचार किया गया था। उन्होंने कहा कि देश की आजादी का 75वां वर्ष चल रहा है और समय आ गया है कि हमें इस विषय पर चर्चा करनी चाहिए। कांग्रेस के रवनीत सिंह बिट्टू ने भी इसी विषय को उठाया व केंद्र के आदेश को वापस लिये जाने की मांग की।