Republic Day 2025 : 178 ‘जल योद्धाओं' को किया गया आमंत्रित, JJM के जरिए अपने समुदाय को बदलने में दिया योगदान
Republic Day 2025 : 178 ‘जल योद्धाओं' को किया गया आमंत्रित, JJM के जरिए अपने समुदाय को बदलने में दिया योगदान
नई दिल्ली, 24 जनवरी (भाषा)
Republic Day 2025 : देशभर से 178 ‘‘जल योद्धाओं'' को यहां 76वें गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने और जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल से मिलने के लिए विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है।
अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इन व्यक्तियों ने जल जीवन मिशन (जेजेएम) के माध्यम से अपने समुदायों को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जेजेएम का उद्देश्य हर घर को स्वच्छ और सतत पेयजल उपलब्ध कराना है।
अधिकारियों ने कहा कि राजस्थान के शुष्क भूभाग से लेकर असम के हरे-भरे क्षेत्र तक, इन जमीनी स्तर के योद्धाओं ने जल, स्वच्छता और स्वच्छता प्रणालियों (वॉश) लक्ष्यों को प्राप्त करने में अपने समुदायों का नेतृत्व किया है तथा एक स्वस्थ और अधिक टिकाऊ भारत के निर्माण में सामूहिक प्रयास को प्रदर्शित किया है।
उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के जंगल धूसड़ के प्रधान राजेंद्र प्रसाद ने अपने समुदाय को असुरक्षित हैंडपंपों के स्थान पर पाइप जल प्रणाली अपनाने के लिए प्रेरित किया। इसी तरह, सरौरा गांव में सेवानिवृत्त मैकेनिकल इंजीनियर पूरनमासी ने जेजेएम और स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्यों को एकीकृत करके जीवाणु संबंधी संदूषण से निपटने का प्रयास किया।
उनके नेतृत्व में, एक सौर ऊर्जा चालित जल आपूर्ति प्रणाली स्थापित की गई और 250 साल पुराने कुएं को संरक्षित किया गया। सार्वजनिक जल वाले स्थान अब स्वच्छ जल उपलब्ध कराते हैं, जिससे गांव में स्वास्थ्य और आर्थिक अवसरों में सुधार होता है। राजस्थान के गुढ़ा भगवानदास में, सरपंच धापू देवी ने पानी की गंभीर कमी से निपटने के प्रयासों का नेतृत्व किया।
गुजरात के केलिया वासणा में जल वितरण की चुनौतियों का सामना करना पड़ा। ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति (वीडब्ल्यूएससी) की अध्यक्ष हिरलबेन हितेंद्रभाई पटेल ने नई जल लाइन और ऊंची टंकियों के निर्माण कार्यों का नेतृत्व किया, जिससे समान आपूर्ति सुनिश्चित हुई और बोरवेल पर निर्भरता कम हुई।
हिरलबेन ने कहा, ‘‘इस परियोजना की सफलता के साथ अब हम अन्य विकासात्मक गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।'' कर्नाटक के कोप्पल जिले में, वीडब्ल्यूएससी की अध्यक्ष शिवम्मा ने टपकते पाइपों की मरम्मत करके और ग्राम सभाओं और स्कूल प्रतियोगिताओं के माध्यम से जल संरक्षण को बढ़ावा देकर अपने गांव की तस्वीर को बदल दिया। आज, कोलूर में 24 घंटे पानी की आपूर्ति होती है जिससे महिलाएं कृषि और आर्थिक गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित कर पाती हैं।