मानसा के ग्रामीणों को राहत, बच्चे को बेचने वाला नशेड़ी दंपति गिरफ्तार
गोद लेने के नाम पर पांच माह के बच्चे को कथित तौर पर 1.8 लाख रुपये में बेचे जाने की घटना से स्तब्ध मानसा के अकबरपुर खुडाल गांव के निवासियों ने तब राहत महसूस की जब बच्चे के ‘नशेड़ी’ माता-पिता और गोद लेने वाले बुढलाडा दंपत्ति, जिनकी चार बेटियां थीं, पर मानव तस्करी का मामला दर्ज किया गया। बच्चे को देखभाल और सुरक्षा के लिए बठिंडा के नथाना गांव के एक अनाथालय में स्थानांतरित कर दिया गया। बरेटा पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दत्तक मां फरार है। तीनों को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
गांव की सरपंच परवीन अली के पति सतार ने कहा, ‘इस दंपति के कारण इस गांव को नशामुक्त घोषित नहीं किया जा सका।’ एक दुकान चलाने वाले बच्चे के दादा ने बताया कि उनके बेटे और बहू ने अपनी ‘चिट्टा’ (हेरोइन) की लालसा को पूरा करने के लिए जो कुछ भी हाथ लगा, बेच दिया। दो दरवाज़ों के फ्रेम, एक वॉशिंग मशीन और यहां तक कि एक मेज़ भी बेच दी। भावुक अंदाज में उन्होंने कहा, ‘मेरी बहू कभी हृष्ट-पुष्ट और राज्य स्तर की पहलवान थी, लेकिन सिर्फ़ 19 साल की उम्र में, वह अब कमज़ोर और पहचान में न आने वाली हो गई है... मैं पुलिस का शुक्रगुज़ार हूं। अगर मेरा पोता उनके साथ रहता, तो वह बच नहीं पाता।’ दादा ने बताया कि एक साल पहले जब उनके बेटे को सुधरने के लिए कहा गया, तो उसने अपने चाचा का हाथ तोड़ दिया। उन्होंने कहा, ‘हम उनकी ज़मानत नहीं लेंगे।’
सात बेटियों को पाल रहा था, बेटे की थी चाहत... भावुक था वह पल
बुढलाडा निवासी यह व्यक्ति, जो एक महीने से शिशु की देखभाल कर रहा था, अपनी चार बेटियों और अपने भाई की तीन बेटियों का पालन-पोषण कर रहा था। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘दंपति साथ मिलकर सात बेटियों का पालन-पोषण कर रहे थे और एक बेटे की चाहत रखते थे।’ जिला बाल संरक्षण अधिकारी (डीसीपीओ) हरजिंदर कौर ने कहा, ‘जब बच्चे को उस परिवार से अलग किया गया जो तो यह एक भावुक दृश्य था। गोद लेने की प्रक्रिया सादे कागज़ पर की गई थी और कानूनी तौर पर नहीं, इसलिए कार्रवाई अपरिहार्य थी।’ इस बीच, पंजाब राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मानसा पुलिस से 31 अक्तूबर तक रिपोर्ट मांगी है।
