भीषण गर्मी पर बेमौसमी बरसात से राहत और आफत
पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली-एनसीआर के अलावा उत्तर भारत के कई हिस्सों में बृहस्पतिवार रात से लेकर शुक्रवार शाम तक आंधी, बारिश से गर्मी से तो लोगों को राहत मिली, लेकिन कहीं जगह आफत भी आई। कहीं पेड़ गिरने से जान-माल का नुकसान हुआ तो कई जगह गेहूं की बोरियां भीग गयीं। कुछ इलाकों में जाम भी लगा। आगामी चार-पांच दिन भी ऐसे ही मौसम की संभावना जताई गयी है।
मौसम के इस बदले रूप पर विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आई नमी और हवाओं के मेल की वजह से हुआ। मौसम विभाग का कहना है कि दक्षिण-पश्चिम राजस्थान पर ऊपरी हवा एवं उत्तर-पूर्वी राजस्थान और उससे सटे उत्तर-पश्चिम मध्य प्रदेश पर एक अन्य चक्रवाती परिसंचरण के कारण वर्षा हुई। इस दौरान 50 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दक्षिण-पूर्वी हवाएं भी चलीं। विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ दिनों में दिन का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया, जिससे नमी का स्तर तेजी से बढ़ा; इससे गरज वाले बादल बने जो मानसून-पूर्व की एक सामान्य विशेषता है। हिमाचल प्रदेश के लिए मौसम विभाग ने ओलावृष्टि को लेकर ‘ऑरेंज अलर्ट' जारी किया है और आशंका जताई है कि अगले सप्ताह बृहस्पतिवार तक आंधी, बिजली चमकने समेत 30-50 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से तेज हवाएं चल सकती हैं।
हिसार, गुरदासपुर में सर्वाधिक बारिश
मौसम के बदले अंदाज के कारण ज्यादातर स्थानों पर तापमान में 7 से 10 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई। हिसार (40.6 मिमी), फरीदाबाद (29 मिमी) और गुरदासपुर (44.2 मिमी) में सबसे अधिक बारिश हुई। गुरुग्राम में कई जगह जलभराव से यातायात बाधित रहा। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला और जुब्बारहट्टी के आसपास के कई इलाकों में ओलावृष्टि जबकि राज्य के कई स्थानों पर बारिश हुई। सोलन में 39 मिलीमीटर बारिश हुई। राजस्थान के भरतपुर में 77 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। दिल्ली के कुछ इलाकों में सिर्फ छह घंटों में 77 मिमी तक बारिश दर्ज की।
दिल्ली : मकान ढहने से महिला एवं तीन बच्चों की मौत
नजफगढ़ इलाके में तेज हवाओं के कारण एक पेड़ मकान पर गिर गया, जिसके कारण चार लोगों की मौत हो गयी। घटना में ज्योति (28) और उसके बच्चों- आर्यन (सात), ऋषभ (पांच), प्रियांश (सात माह) की मौत हो गई तथा उसके पति अजय (30) चोटिल हो गए। द्वारका के छावला इलाके में दीवार गिरने से चार लोग घायल हो गए। इस बीच, एक अध्ययन रिपोर्ट में बताया गया कि वर्ष 2001-2019 के दौरान भारत में प्रतिकूल मौसम से 35,000 लोगों की जानें गयीं।