नयी दिल्ली, 29 जून (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने ‘सेंट्रल विस्टा’ के निर्माण कार्य पर रोक लगाने से इनकार करने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका मंगलवार को खारिज कर दी। शीर्ष अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने चुन कर सेंट्रल विस्टा परियोजना का निर्माण कार्य रोकने का अनुरोध किया और राष्ट्रीय राजधानी में लॉकडाउन के दौरान जारी अन्य सार्वजनिक परियोजनाओं के बारे में बुनियादी शोध भी नहीं किया था। हाईकोर्ट ने 31 मई को इस परियोजना पर रोक के लिए दायर जनहित याचिका खारिज कर दी थी और याचिकाकर्ताओं पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। शीर्ष अदालत ने जुर्माने के मामले में भी हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा, ‘यदि आपका आचरण यह था, तो एक लाख रुपये जुर्माना कम है।’ पीठ ने कहा कि जब हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल किया गया था कि परियोजना में कोविड-19 संबंधी प्रोटोकाॅल का पूरी तरह पालन किया गया, तो आपने मुकदमा क्यों जारी रखा। याचिकाकर्ता अन्या मल्होत्रा और इतिहासकार एवं वृत्तचित्र फिल्म निर्माता सोहेल हाशमी की पैरवी करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि जब याचिका दायर की गई थी, तब कोविड-19 संबंधी नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था। पीठ ने कहा कि लोकहितैषी व्यक्ति होने के नाते क्या उन्होंने यह पता किया कि इस दौरान कितनी परियोजनाओं को निर्माण गतिविधि जारी रखने की अनुमति दी गई। अदालत ने सवाल किया कि याचिकाकर्ताओं ने सेंट्रल विस्टा परियोजना का चयन किस आधार पर किया।