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Refund Rescue Mission: हरियाणा में अब न वकील, न केस, लोक अदालत से मिलेगा ब्लॉक पैसा

Refund Rescue Mission: साइबर ठगी मामलों में यह पहल करने वाला हरियाणा पहला राज्य
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Refund Rescue Mission: साइबर ठगी में फंसे पैसे को वापस पाने की महीनों लंबी कानूनी जद्दोजहद अब खत्म। चूंकि हरियाणा ने एक ऐसा रास्ता खोल दिया है, जहां न कोई लंबी कोर्ट प्रक्रिया, न किसी वकील की फीस, और न कानूनी पेच-प्रक्रिया का तनाव। पीड़ित को अब सिर्फ लोक अदालत के दरवाजे तक पहुंचना है और ब्लॉक (फ्रीज) हुआ पैसा उसी रास्ते से वापस उसके खाते में लौट आएगा।

यह नई व्यवस्था हरियाणा पुलिस और हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की संयुक्त पहल है, जिसे राज्य सरकार ने हरी झंडी देते हुए आधिकारिक तौर पर लागू कर दिया है। इसे साइबर ठगी पीड़ितों के लिए यह सबसे तेज़ आर्थिक न्याय व्यवस्था कहा जा सकता है। साइबर अपराधों में एक बड़ी समस्या यह रही कि पुलिस पैसे को फ्रीज तो करा देती थी, लेकिन एफआईआर और कानूनी प्रक्रिया पूरी होने तक महीनों बीत जाते थे।

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पीड़ित न वकील करने की स्थिति में होता था और न केस लड़ने का धैर्य रख पाता था। लेकिन अब सिस्टम उलट गया है। अगर पैसा ब्लॉक है तो केस लोक अदालत में जाएगा। एफआईआर न हो तब भी लोक अदालत सुनवाई करेगी। अदालत की ओर से ना नोटिस, ना तारीखें दी जाएगी और ना वकील की जरूरत होगी। सीधी सुलह और सीधा आदेश अदालत जारी करेगी। यानी पीड़ित अपनी मेहनत की रकम को भाग्य पर नहीं छोड़ेगा। लोक अदालत उसे वापस दिलाएगी।

ओपी सिंह ने बनाया नया मॉडल

इस नये मॉडल के सूत्रधार पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने साफ कहा, ‘हमने देखा कि ब्लॉक हुआ पैसा वहीं अटका रहता था क्योंकि प्रक्रिया भारी थी। हमने अदालत और सरकार को भरोसा दिलाया कि अगर राशि सुरक्षित है, तो उसे पीड़ित तक पहुंचाने में देरी क्यों।’ उन्होंने लोगों से अपील की है कि साइबर ठगी होते ही गोल्डन ऑवर में 1930 पर कॉल करिए, सिस्टम बाकी काम करेगा।

सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशन

इस नये फार्मले को लेकर हरियाणा सरकार के न्याय प्रशासन विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है। इसके तहत साइबर ठगी से जुड़ी डी-फ्रीज, रिफंड व ब्लॉक मनी रिलीज वाली अर्जियों को अब स्थायी लोक अदालतों की सूची में डाल दिया गया है। कानूनन इसका मतलब यह है कि यह केस ‘मुकदमे से पहले का मामला’ माना जाएगा। लोक अदालत इसे तेजी से निपटाएगी। पीड़ित को अदालत के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

बिल्कुल सीधा, बिल्कुल आसान रास्ता

रोजाना ठगी के शिकार होने वाले लोगों के लिए पहली बार एक ऐसी प्रक्रिया तैयार की गई है जो पीड़ित को परेशान नहीं करती, बल्कि उसकी मदद करती है। ठगी होते ही शिकायत हेल्प लाइन नंबर 1930 या साइबर क्राइम डॉट जीओवी डॉट इन पर करनी जरूरी है। शिकायत के बाद पुलिस तुरंत ठग के खाते को ब्लॉक करा देती है। फ्रीज हुए पैसे के लिए बिना वकील के सामान्य फार्म पर अदालत में आवेदन और अदालत की सुनवाई के दौरान एक सप्ताह में निपटारा।

साइबर स्लेवरी मामलों पर अलर्ट जारी

हरियाणा पुलिस ने विदेश में नौकरी के नाम पर हो रही ठगी और साइबर स्लेवरी मामलों पर भी विशेष अलर्ट जारी किया है। थाईलैंड के वीजा-फ्री एंट्री का गलत फायदा उठाकर कई भारतीय जॉब स्कैम में फंस रहे हैं। पुलिस ने सलाह दी कि नौकरी की पूरी जांच करें और एजेंटों से सतर्क रहें। परिजनों से नियमित संपर्क में रहें और थाईलैंड वीजा को रोजगार का टिकट न समझें।

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