Red Fort Explosion : NIA ने 3 चिकित्सकों, धार्मिक उपदेशक को हिरासत में लिया, आतंकवादी हमले में निभाई थी अहम भूमिका
एनआईए ने 11 नवंबर को आधिकारिक तौर पर इस मामले को अपने हाथों में लिया था
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने आज को 3 चिकित्सकों और एक धार्मिक उपदेशक को हिरासत में ले लिया। इन लोगों को 10 नवंबर को लाल किले के निकट हुए कार विस्फोट के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया। इस विस्फोट में 15 लोग मारे गए थे।
विस्फोट के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मुजम्मिल गनई, अदील राथर और शाहीना सईद के साथ-साथ मौलवी इरफान अहमद वागे को गिरफ्तार कर लिया था। एनआईए प्रवक्ता के एक बयान के अनुसार आतंकवाद रोधी जांच एजेंसी ने यहां पटियाला हाउस अदालत में जिला सत्र न्यायाधीश के पेशी आदेश के बाद उन्हें श्रीनगर में हिरासत में ले लिया। एनआईए के प्रवक्ता ने कहा कि इन सभी ने आतंकवादी हमले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसमें कई निर्दोष लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हुए थे।
उनकी हिरासत एनआईए को सौंपे जाने के साथ ही केंद्रीय एजेंसी द्वारा आरोपित लोगों की संख्या छह हो गई है। एनआईए ने 11 नवंबर को आधिकारिक तौर पर इस मामले को अपने हाथों में लिया था। एनआईए पहले ही दो लोगों आमिर राशिद अली और जसीर बिलाल वानी उर्फ दानिश को गिरफ्तार कर चुकी है। डॉ. उमर-उन-नबी विस्फोटकों से भरी कार चला रहा था और उसने कथित तौर पर अली के नाम पर कार खरीदी थी। वानी को तब गिरफ्तार किया गया जब यह पता चला कि उमर उसे आत्मघाती हमलावर बनने के लिए उकसाने की कोशिश कर रहा था। हालांकि वह इसके लिए तैयार नहीं हुआ, लेकिन उस पर प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से सक्रिय सदस्य के तौर पर जुड़ने की सहमति देने का आरोप है।
अदील से पूछताछ में पता चला कि उमर एक ‘‘कट्टरपंथी'' था और इस बात पर जोर दे रहा था कि उनके अभियानों के लिए एक आत्मघाती हमलावर जरूरी है। इसके बाद श्रीनगर पुलिस ने दक्षिण कश्मीर के काजीगुंड में एक टीम भेजी और वानी को हिरासत में ले लिया। वानी ने पूछताछ के दौरान स्वीकार किया कि पिछले साल अक्टूबर में कश्मीर के कुलगाम की एक मस्जिद में उसकी मुलाकात ‘‘डॉक्टर मॉड्यूल'' से हुई थी। इस वर्ष अप्रैल में वानी अपनी खराब आर्थिक स्थिति और इस्लाम में आत्महत्या को हराम मानने की अपनी आस्था का हवाला देते हुए आत्मघाती हमलावर बनने की योजना से पीछे हट गया था। जांच के दौरान फरीदाबाद स्थित अल फलाह विश्वविद्यालय में 2,900 किलोग्राम विस्फोटक बरामद किया गया था।
यह घटनाक्रम 18-19 अक्टूबर की रात को शुरू हुआ था, जब श्रीनगर शहर के बाहरी क्षेत्र में दीवारों पर प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर दिखाई दिए। इन पोस्टरों में घाटी में पुलिस और सुरक्षा बलों पर हमले की चेतावनी दी गई थी। सीसीटीवी फुटेज में पोस्टर चिपकाते हुए दिखने के बाद तीन लोगों आरिफ निसार डार उर्फ साहिल, यासिर-उल-अशरफ और मकसूद अहमद डार उर्फ शाहिद को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ के दौरान, उन्होंने पूर्व ‘पैरामेडिक' से धर्मगुरु बने मौलवी इरफान का नाम लिया, जिसने पोस्टर मुहैया कराए थे। उसे गिरफ्तार कर लिया गया। सबसे पहले फरीदाबाद से गनई को गिरफ्तार किया गया। फिर सईद को भी उसी शहर से गिरफ्तार किया गया। बाद में, अदील राथर को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया।

