अखबार पढ़ने से बच्चे बनेंगे होशियार, जागरूक और रचनाशील
विवेक शर्मा/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 18 फरवरी
क्या आज के बच्चे अखबार कम पढ़ते हैं? या फिर यह उनके सोचने-समझने की ताकत बढ़ाने का सबसे असरदार तरीका है? डिजिटल युग में जहां सूचनाएं तेजी से वायरल होती हैं, वहीं क्या बच्चे खबरों की गहराई को समझ पा रहे हैं? इन्हीं सवालों के जवाब तलाशने और समाचार-पत्र पढ़ने की अहमियत को नयी पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए मंगलवार को ‘द ट्रिब्यून रीडथॉन 2024’ का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर पंजाब विश्वविद्यालय के सूचना और जनसंपर्क विभाग के डीन प्रो. भारत ने शिरकत की। जजों की भूमिका मानव रचना विश्वविद्यालय की सहायक प्रोफेसर डॉ. गुनी वत्स, कृष्णा आईएएस अकादमी के डॉ. सचिन गोयल, सीआईआई के पूर्व अधिकारी जसदीप सिंह और बंगी इंडिया के पूर्व ट्रेड मार्केटिंग प्रमुख डॉ. प्रशांत मोहन ने निभाई। इस मौके पर ट्रिब्यून ग्रुप के महाप्रबंधक अमित शर्मा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए आभार जताया।
सीआईआई, सेक्टर 31, चंडीगढ़ में हुए इस अंतरविद्यालय समाचार पत्र पठन प्रतियोगिता में चंडीगढ़ और आसपास के 60 स्कूलों के 1200 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया। प्रतियोगिता को मानव रचना विश्वविद्यालय ने प्रायोजित किया, जबकि कृष्णा आईएएस सह-प्रायोजक के रूप में जुड़े। बच्चों में समाचार-पत्र पढ़ने की आदत को बढ़ावा देने के इस प्रयास को शिक्षकों और अभिभावकों से भी सराहना मिली।
प्रतियोगिता के परिणाम
जूनियर कैटेगरी (कक्षा 5 से 8)
प्रथम स्थान -वाईपीएस, मोहाली की आठवीं कक्षा के साधत सिंह, दूसरा स्थान शेमरॉक स्कूल के आठवीं कक्षा की छात्रा बिसमीत कौर और तीसरा स्थान आरआईएमटी स्कूल की आठवीं की छात्रा पेरिसा भुटानी ने प्राप्त किया। प्रथम सांत्वना पुरस्कार शिशु निकेतन, सेक्टर 22 चंडीगढ़ की पांचवीं कक्षा की साइना चंदेल, दूसरा सांत्वना स्मार्ट वंडर स्कूल के पांचवीं के छात्र गुरफतेह सिंह, तीसरा सांत्वना पुरस्कार द ट्रिब्यून स्कूल की कक्षा आठ की छात्रा सृष्टि और चौथा पुरस्कार एक्सिप्स-45 चंडीगढ़ की आठवीं की छात्रा प्रतीक्षा पराशर ने प्राप्त किया।
सीनियर कैटेगरी (कक्षा 9 से 12)
पहला पुरस्कार ज्ञान ज्योति स्कूल, मोहाली के तुषार शर्मा, दूसरा पुरस्कार सेंट जेवियर स्कूल की यशिता मलिक और तृतीय पुरस्कार साॅपिन्स स्कूल, सेक्टर 32 की तोशनी ने प्राप्त किया। पहला सांत्वना पुरस्कार सेंट एन्स कॉन्वेंट चंडीगढ़ की छात्रा माइरा मौदगिल, दूसरा पुरस्कार आईआईएमटी मनीमाजरा की आशी गर्ग और तीसरा सांत्वना पुरस्कार एक्सिप्स-45 की छात्रा सिमरन नायर ने प्राप्त किया।
डिजिटल युग में अखबार क्यों जरूरी?
मुख्य अतिथि प्रो. भारत ने बताया कि अखबार पढ़ने से बच्चों की सोचने-समझने की क्षमता विकसित होती है, वे तर्कशील और जागरूक बनते हैं और उनका भाषा कौशल भी बेहतर होता है। कार्यक्रम के आयोजन के लिए प्रो. भारत ने ट्रिब्यून ग्रुप का आभार जताया और आगे भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने का आह्वान किया। कृष्णा आईएएस अकादमी के डॉ. सचिन गोयल और सीआईआई के पूर्व अधिकारी जसदीप सिंह ने कहा कि अखबार पढ़ने से बच्चों की विश्लेषण क्षमता विकसित होती है।
उन्होंने कहा कि जो बच्चे नियमित रूप से अखबार पढ़ते हैं, वे अधिक तार्किक होते हैं, उनकी समझने और निर्णय लेने की क्षमता बेहतर होती है। अभिभावकों को अपने बच्चों को रोज़ अखबार पढ़ने और उन पर चर्चा करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। कार्यक्रम में शामिल यशिता मलिक ने कहा कि दूसरे देशों की तरह भारत में भी 12वीं तक स्मार्टफोन पर बैन लगना चाहिए। हमें भी गंभीरता से सोचना चाहिए कि कैसे बच्चों की रीडिंग हैबिट को बढ़ाया जा सके।
बच्चों के लिए अखबार पढ़ने के 5 बड़े फायदे
-आलोचनात्मक सोच : समाचारों का विश्लेषण करने और तथ्यों को समझने की क्षमता विकसित होती है।
- भाषा और लेखन कौशल : शब्दावली का विस्तार होता है और लेखन क्षमता बेहतर होती है।
- तर्कशक्ति और जागरूकता : समाज और दुनिया की घटनाओं की समझ बढ़ती है।
-आत्मविश्वास : अपने विचारों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने की क्षमता बढ़ती है।
- निर्णय लेने की योग्यता : बच्चों में सही तथ्यों के आधार पर निर्णय लेने की आदत विकसित होती है।