दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 8 जुलाई
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की शनिवार सुबह अचानक सोनीपत लोकसभा क्षेत्र के दो हलकों – गोहाना व बरोदा में पहुंचना सामान्य घटना नहीं थी। करीब दो महीने पहले राहुल गांधी इसी तरह से जीटी रोड बेल्ट पर ट्रक चालकों के साथ संवाद कर चुके हैं। इतना ही नहीं, नई दिल्ली से शिमला जाते हुए उन्होंने अपना अधिकांश सफर ट्रक में ही पूरा किया।
शनिवार को उनका शिमला जाने का कार्यक्रम था। बताते हैं कि राहुल ने पहले ही यह तय कर लिया था कि सड़क मार्ग के जरिये वे शिमला तक सीधे नहीं पहुंचेंगे। उनका गाड़ियों का काफिला सुबह-सवेरे अचानक ही गोहाना व बरोदा हलके के गांवों में पहुंच गया। यहां धान की रोपाई कर रहे किसानों व मजदूरों के बीच पहुंच कर उन्होंने धान की रोपाई भी की और ट्रैक्टर भी चलाया। अब राहुल को केवल धान ही रोपने होते तो वे जीटी रोड के किसी भी गांव में यह काम कर सकते थे। वैसे भी जीटी रोड ही धान बहुल बेल्ट है। गोहाना व बरोदा में तो धान की उतनी खेती भी नहीं होती, जितनी की जीटी रोड पर होती है। ऐसे में साफ है कि राजनीतिक कारणों की वजह से ही वे जाट बेल्ट के गोहाना और बरोदा हलके में पहुंचे। इन दोनों ही विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के ही विधायक हैं। सोनीपत को पूर्व सीएम व विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के प्रभाव वाला एरिया माना जाता है। इस वजह से राहुल गांधी का इस एरिया में आना और भी महत्वपूर्ण हो गया है।
राहुल के बार-बार अचानक हरियाणा में आने की वजह से दूसरे राजनीतिक दलों में भी बेचैनी है। माना जा रहा है कि राहुल की नजरें राष्ट्रीय राजधानी – नई दिल्ली से सटे इस प्रदेश पर हैं। वे हरियाणा आने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। किसी राजनीतिक कार्यक्रम या रैली में आने की बजाय वे सीधे ही लोगों के बीच पहुंच रहे हैं। वह भी बिना किसी को बताए। गुटबाजी में बंटी प्रदेश कांग्रेस के किसी भी नेता को राहुल के आने की भनक नहीं होती। पिछली बार जहां उन्होंने ट्रक में शिमला तक का सफर किया था तो इस बार वे सीधे किसानों के बीच खेतों में ही जा पहुंचे। बेशक, वे दिल्ली से ही सोचकर चलते हैं, लेकिन स्थानीय नेताओं को उनके आने की जानकारी नहीं होती। हालांकि भाजपाई इसे राजनीतिक स्टंट कह रहे हैं, लेकिन राहुल ने अपने इस अंदाज से हरियाणा के सियासी गलियारों को गरमा दिया है। नेता चाहे कोई भी हो और किसी भी पार्टी का हो, उसके हर कदम और फैसले के पीछे राजनीतिक कारण भी होते हैं। स्वाभाविक है कि राहुल गांधी भी लगातार हरियाणा में इसलिए आ रहे हैं ताकि पार्टी की जड़ों को मजबूत किया जा सके।
घुटनों तक पैंट चढ़ाकर पानी से भरे खेत में उतर गए राहुल गांधी
हरेंद्र रापड़िया/हप्र
सोनीपत, 8 जुलाई
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी शनिवार सुबह दिल्ली से शिमला जाते समय बिना किसी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के गोहाना के गांव मदीना पहुंच गये।
गांव मदीना के संजय मलिक ने बताया कि उन्होंने ग्राम पंचायत की करीब 5 एकड़ जमीन पट्टे पर ले रखी है और अपने साझीदार के साथ मिलकर खेती करते हैं। शनिवार सुबह दोनों खेत में धान की रोपाई की तैयारी कर रहे थे कि इसी बीच करीब 6:40 बजे खेत के पास सड़क पर गाड़ियों का काफिला आकर रुका। उन्होंने एक गाड़ी से कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी उतरते हुए पहचान लिया। वे घुटनों तक पैंट चढ़ाकर पानी से भरे खेतों में उतरकर आगे बढ़ते चले गए। वहां पहुंचकर राहुल गांधी ने वहां काम कर रहे संजय, तस्वीर सिंह व मजदूरों से बातचीत की। राहुल ने ट्रैक्टर से जुताई करने की इच्छा जाहिर करने पर उन्हें स्टीयरिंग संभालवा दिया। उनके अगल-बगल दो किसान बैठे। उन्होंने करीब 15 मिनट खेत में भरे पानी में ट्रैक्टर चलाकर धान रोपाई के लिए जमीन को तैयार किया।
संजय मलिक ने बताया कि धान रोपाई के बाद खेत में ही चारपाई पर बैठकर किसानों और मजदूरों के बच्चों और महिलाओं के साथ नाश्ता करते हुए उनसे बातचीत की। बाद में राहुल करीब 8:40 बजे काफिले के साथ गोहाना की ओर निकल गये। उन्होंने गोहाना में सिंचाई विभाग के विश्रामगृह पहुंचकर कपड़ों और जूतों पर लगी मिट्टी को साफ किया और फिर आगे के लिए निकल गये। गोहाना की डीसीपी भारती डबास ने बताया कि कुंडली बार्डर से पुलिस ने उनको पायलट दे गई थी। मदीना के खेतों में पहुंचते ही आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। राहुल गांधी के गांव मदीना पहुंचने का पता लगने पर विधायक इंदुराज नरवाल, विधायक जगबीर मलिक समेत कई कांग्रेसी नेता, ग्रामीण खेतों में पहुंच गये।