Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

RBI ने अक्टूबर पॉलिसी में रेपो दर बरकरार रखी, IPO फाइनेंसिंग लिमिट बढ़ाई

RBI MPC Meeting 2025: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी अक्टूबर मॉनेटरी पॉलिसी (RBI MPC Meeting 2025) में रेपो रेट में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया है। केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट को 5.5 फीसदी पर यथावत रखने...

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा की फाइल फोटो। रॉयटर्स
Advertisement

RBI MPC Meeting 2025: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी अक्टूबर मॉनेटरी पॉलिसी (RBI MPC Meeting 2025) में रेपो रेट में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया है। केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट को 5.5 फीसदी पर यथावत रखने का निर्णय लिया है।

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मौद्रिक नीति समिति (MPC) का रुख ‘न्यूट्रल’ रहेगा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2025 में अब तक कुल मिलाकर 1 फीसदी की कटौती पहले ही की जा चुकी है, ऐसे में फिलहाल और कमी करने का निर्णय नहीं लिया गया।

Advertisement

इसके साथ ही आरबीआई ने पूंजी बाजार से जुड़े एक अहम फैसले की भी घोषणा की। केंद्रीय बैंक ने आईपीओ फाइनेंसिंग लिमिट को बढ़ाकर 25 लाख रुपये प्रति निवेशक कर दिया है। पहले यह सीमा 10 लाख रुपये थी।

Advertisement

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की सोमवार से शुरू तीन दिवसीय बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए कहा, ‘‘एमपीसी ने आम सहमति से रेपो दर को 5.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का निर्णय किया है।''

उन्होंने कहा कि इसके साथ ही मौद्रिक नीति रुख को तटस्थ बनाये रखा गया है। इसका मतलब है कि केंद्रीय बैंक आर्थिक स्थिति के हिसाब से नीतिगत दर में समायोजन को लेकर लचीला बना रहेगा। रेपो वह ब्याज दर है, जिस पर वाणिज्यिक बैंक अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। रेपो दर के यथावत रहने से आवास, वाहन समेत अन्य खुदरा कर्ज पर ब्याज में बदलाव होने की संभावना नहीं है।

आरबीआई ने 2025-26 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है जबकि पहले इसके 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था। वहीं चालू वित्त वर्ष के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को घटाकर 2.6 प्रतिशत कर दिया गया जबकि इसके पूर्व में 3.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था। यह लगातार दूसरी बार है, जब रेपो दर को यथावत रखा गया

इससे पहले, केंद्रीय बैंक इस साल फरवरी से जून तक रेपो दर में एक प्रतिशत की कटौती कर चुका है। इस साल जून की मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में 0.5 प्रतिशत की कटौती की गयी थी। वहीं फरवरी और अप्रैल की मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में 0.25-0.25 प्रतिशत की कमी की गयी थी।

Advertisement
×