रणबीर कपूर ने खुद को बताया परिवारवाद की उपज, बोले- वंशवाद सफलता की गारंटी नहीं देता
अभिनेता रणबीर कपूर ने कहा कि उन्हें हमेशा से एक फिल्मी परिवार में जन्म के फायदों का एहसास था, लेकिन वंशवाद कभी सफलता की गारंटी नहीं देता। कपूर परिवार की चौथी पीढ़ी के सदस्य, रणबीर ने कहा कि उन्हें फिल्म जगत में बने रहने के लिए एक व्यक्तिगत दृष्टिकोण विकसित करना पड़ा और स्वतंत्र रूप से अपनी प्रतिभा साबित करनी पड़ी।
रणबीर कपूर (43) ने कहा कि मैं परिवारवाद की देन हूं और मुझे जिंदगी में यह बहुत आसानी से मिल गया, लेकिन मुझे हमेशा कड़ी मेहनत करनी पड़ी क्योंकि मुझे एहसास हुआ कि मैं ऐसे परिवार से आता हूं। अगर मेरा दृष्टिकोण व्यक्तिगत नहीं है और अगर मैं अपना नाम नहीं बना पाता, तो मैं फिल्म उद्योग में सफल नहीं हो पाऊंगा। आप लोग मेरे परिवार की सफलता का जश्न मनाते हैं, लेकिन असफलताएं भी बहुत हैं। जितना आप सफलता से सीखते हैं, उतना ही असफलता से भी सीखते हैं।
अभिनेता ऋषि कपूर और अभिनेत्री नीतू कपूर के बेटे रणबीर, फिल्म निर्माता सुभाष घई के फिल्म संस्थान व्हिसलिंग वुड्स में ‘सेलिब्रेट सिनेमा 2025' उत्सव के दौरान ‘महान फिल्म निर्माता राज कपूर और गुरु दत्त को श्रद्धांजलि' विषयक सत्र में बोल रहे थे। इस परिवार में पैदा होने पर मुझे कैसा लगता है? मेरे लिए यह किसी भी अन्य सामान्य परिवार की तरह ही था, मुझे इससे बेहतर कुछ नहीं पता था। वह संगीत निर्देशकों, गायकों और गीतकारों को उनके घर आकर दादा राज कपूर की फिल्मों के गाने तैयार करते देखते हुए बड़े हुए हैं।
‘वेक अप सिड', ‘रॉकस्टार', ‘बर्फी', ‘ये जवानी है दीवानी' और ‘एनिमल' जैसी फिल्मों में अपने अभिनय के लोकप्रियता हासिल करने वाले रणबीर ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में बहुत पहले ही सीख लिया था कि फिल्म निर्माण एक सामूहिक प्रयास है। उन्होंने अपने परदादा पृथ्वीराज कपूर के शब्दों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘फिल्म निर्माण कोई तानाशाही नहीं है, यह कई लोगों और कलाकारों का एक साथ आना, किसी चीज में विश्वास करना और लोगों को प्रेरित करने में विश्वास करना है। इस कार्यक्रम में, घई ने अपने संस्थान के छात्रों के लिए राज कपूर और गुरु दत्त के नाम पर दो छात्रवृत्तियों की घोषणा की।