Ramban Disaster : भूस्खलन के मलबे में दबी कार... जब पंजाब के पर्यटकों ने बयां किया रामबन का दृश्य
चंडीगढ़, 20 अप्रैल (ट्रिन्यू)
Ramban Disaster : लुधियाना के रहने वाले गुरदेव सिंह, उनका परिवार व कुछ अन्य लोग 19 अप्रैल की शाम को कश्मीर जाने की योजना बना रहे थे, लेकिन उस समय भारी बारिश के कारण उन्होंने होटल में ही रुकने का फैसला किया। यह निर्णय लगभग घातक साबित हुआ, क्योंकि वे रामबन जिले में अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन में फंस गए।
सिंह ने बताया कि रविवार को सुबह करीब 3 बजे होटल के कर्मचारी हमारे पास आए। बताया कि होटल में बाढ़ का पानी घुस गया है और जलस्तर बढ़ रहा है। इस भयावह अनुभव से अभी भी स्तब्ध सिंह ने होटल के कर्मचारियों और पुलिस की त्वरित कार्रवाई की प्रशंसा की, जिन्होंने उन्हें सुरक्षित निकालने में मदद की। हालांकि, उनकी कार भूस्खलन के मलबे में दब गई।
उन्होंने कहा कि भूस्खलन के कारण पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा मुख्य सड़क पर आ गया, जिससे सभी वाहन दब गए। हमें लगा कि स्थिति को देखते हुए बचने का कोई मौका नहीं है। हालांकि, होटल के कर्मचारियों ने हमें सुरक्षित रूप से होटल से बाहर निकलने में मदद की। बाद में, भारी बारिश के बीच एक पुलिस बचाव दल ने हमें एक चौकी पर पहुंचाया। उन्होंने जिला प्रशासन से उनकी कार को निकालने में मदद करने का अनुरोध किया।
पंजाब के ही संजीव कुमार भी अपने दो दोस्तों के साथ कश्मीर जा रहे थे, वे होटल के कर्मचारियों की मदद से खिड़की तोड़कर भाग निकले। उन्होंने कहा कि भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन की लगातार घटनाएं होने के कारण दृश्य बहुत भयावह था। हम फ्लाईओवर पर शरण लेने के बारे में सोच रहे थे, उम्मीद है कि यह सुरक्षित होगा। पुलिस कर्मी दौड़कर आए और उन्हें स्थानीय गुरुद्वारे में पहुंचाया। जब मैं होटल से निकला तो मेरी कार की छत दिख रही थी, लेकिन जब मैं वापस लौटा तो उसकी या वहां खड़ी दूसरी गाड़ियों का कोई निशान नहीं था। सभी मलबे में दबे हुए थे।
बता दें कि, भारी वर्षा व बादल फटने से अचानक आई बाढ़, भूस्खलन और मिट्टी धंसने से रामबन जिले में सड़कों, आवासीय भवनों सहित बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचने के कारण दो नाबालिग भाई-बहनों सहित 3 लोगों की मौत हो गई। हालांकि इस दौरान 100 से अधिक लोगों को बचा लिया गया।