नयी दिल्ली, 26 जून (एजेंसी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अयोध्या विकास परियोजना की समीक्षा की और कहा कि राम की इस नगरी में ‘हमारी उत्कृष्ट परंपराओं और हमारे विकासात्मक परिवर्तनों’ का प्रकटीकरण होना चाहिए। उन्होंने अयोध्या को एक ऐसा शहर बताया, जो हर भारतीय की सांस्कृतिक चेतना में अंकित है। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक और वैश्विक पर्यटन केंद्र के साथ ही इसे टिकाऊ स्मार्ट शहर के रूप में विकसित करना है।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई इस समीक्षा बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा के अलावा राज्य सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि बैठक में अयोध्या के विकास से जुड़ी परियोजना पर अधिकारियों की ओर से प्रस्तुति दी गई।
मोदी ने कहा, ‘अयोध्या को हमारी बेहतरीन परंपराओं और हमारे विकासात्मक परिवर्तनों को प्रकट करना चाहिए। अयोध्या आध्यात्मिक और विशिष्ट दोनों है। इस शहर के मानव लोकाचार का मेल भविष्य के बुनियादी ढांचे के साथ किया जाना चाहिए, जो पर्यटकों और तीर्थयात्रियों सहित सभी के लिए लाभकारी हो।’
हरित उपनगर बसाने की भी योजना
बैठक में प्रधानमंत्री को ढांचागत विकास से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं से अवगत कराया गया। हवाई अड्डे के विकास से जुड़ी परियोजनाओं, रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, सड़कों और राजमार्गों के विकास से संबंधित योजनाओं पर चर्चा की गई। एक हरित उपनगर बसाने को लेकर भी चर्चा की गई, ताकि श्रद्धालुओं के लिए आश्रम, होटल और विभिन्न राज्यों के भवनों की सुविधा उपलब्ध हो। अयोध्या में पयर्टन सहायता केंद्र और विश्वस्तरीय संग्रहालय का भी निर्माण किया जाएगा।