नयी दिल्ली, 23 जुलाई (एजेंसी)
तृणमूल कांग्रेस सदस्य शांतनु सेन को सदन में उनके अशोभनीय आचरण के लिए राज्यसभा के मौजूदा सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। उच्च सदन के सभापति एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को शांतनु सेन के निलंबन की घोषणा की। सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने कल बृहस्पतिवार को हुई घटना का जिक्र किया और इसे अशोभनीय बताया। सभापति ने कहा कि कल जो कुछ हुआ, निश्चित रूप से उससे सदन की गरिमा प्रभावित हुई। वहीं, पेगासस जासूसी मामला सहित अन्य मुद्दों पर विपक्षी दलों के भारी हंगामे के कारण शुक्रवार को लोकसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद 12 बजकर करीब 15 मिनट पर दिनभर के लिये स्थगित कर दी गयी।
उधर, शांतनु सेन के निलंबन को लेकर राज्यसभा में तृणमूल सदस्यों ने हंगामा किया। हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक शुक्रवार को राज्यसभा की कार्यवाही तीन बार के स्थगन के बाद अपराह्न करीब ढाई बजे पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पूर्व पहली बार के स्थगन के बाद दूसरी बार दोपहर 12.30 बजे तक कार्यवाही स्थगित कर दी गई। जैसे ही दोपहर 12 बजे सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, उपसभापति हरिवंश ने निलंबित सदस्य शांतनु सेन को यह कहते हुए सदन से बाहर जाने को कहा कि उनके निलंबन का प्रस्ताव मंजूर कर लिया गया है। उन्होंने कहा, ‘कृपया आप सदन से बाहर चले जाएं।’ इसी समय तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने हंगामा आरंभ कर दिया। लिहाजा, उपसभापति ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12.30 बजे तक स्थगित कर दी गई। इससे पहले, हंगामे के कारण सदन में आज भी शून्यकाल नहीं हो पाया। संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कल की घटना को लेकर तृणमूल कांग्रेस के सदस्य शांतनु सेन को सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए जाने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद नायडू ने सेन को सत्र की शेष अवधि से निलंबित किए जाने की घोषणा की। इस पर तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने आपत्ति जताई और हंगामा शुरू कर दिया। सभापति ने सदस्यों से शांत रहने और कामकाज चलने देने की अपील की। लेकिन सदन में व्यवस्था बनते न देख उन्होंने बैठक को 11 बज कर करीब 25 मिनट पर दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
गौरतलब है कि कल सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव इजराइली स्पाईवेयर पेगासस के जरिये भारतीयों की कथित जासूसी के मुद्दे पर सदन में बयान दे रहे थे। उसी दौरान, तृणमूल कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दल के सदस्य हंगामा करते हुए आसन के समीप आ गए तथा नारेबाजी करने लगे। इसी बीच, तृणमूल कांग्रेस के सदस्य शांतनु सेन ने केंद्रीय मंत्री के हाथों से बयान की प्रति छीन ली और उसके टुकड़े कर हवा में लहरा दिया। इस स्थिति चलते वैष्णव ने बाद में बयान की प्रति सदन के पटल पर रख दी। उपसभापति हरिवंश ने हंगामा कर रहे सदस्यों से ‘असंसदीय’ व्यवहार न करने का अनुरोध किया था लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई। सभापति एम वेंकैया नायडू ने आज सदन की बैठक शुरू होने पर कल की घटना को लेकर क्षोभ व्यक्त किया और शांतनु सेन को सत्र की शेष अवधि से निलंबित किए जाने की घोषणा की।