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Rajya sabha नेहरू पर तथ्यों को तोड़ा-मरोड़ा, माफी मांगें पीएम : मल्लिकार्जुन खड़गे

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा- अतीत में जीते हैं मोदी
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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे।
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नयी दिल्ली, 16 दिसंबर (एजेंसी)

Rajya sabha राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को आरोप लगाया कि आरक्षण को लेकर पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा राज्यों को लिखे गए पत्र के बारे में ‘तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को गुमराह किया। मोदी के भाषण का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री वर्तमान में नहीं, अतीत में जीते हैं। बेहतर होता कि वह लोकतंत्र को मजबूत करने वाली वर्तमान उपलब्धियों को सूचीबद्ध करते। उनकी सरकार ने पिछले 11 साल में ऐसा कौन सा काम किया है, जिससे हमारा लोकतंत्र और संविधान मजबूत हुआ है।’

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Rajya sabha राज्यसभा में ‘भारतीय संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ पर चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा, ‘पहला संशोधन संविधान सभा के सदस्यों द्वारा किया गया था, जिसमें श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि यह संशोधन अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति को आरक्षण देने, शिक्षा, रोजगार से संबंधित समस्याओं को दूर करने और जमींदारी प्रथा को खत्म करने के लिए किया गया था। इस संशोधन का दूसरा पहलू सांप्रदायिक दुष्प्रचार को रोकना था और सरदार पटेल ने तीन जुलाई 1950 को एक पत्र में नेहरू को सुझाव दिया था कि संविधान संशोधन ही इस समस्या का एकमात्र समाधान है। इसलिए नेहरू ने मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा।’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि तथ्यों को तोड़-मरोड़कर नेहरू को बदनाम करने के लिए प्रधानमंत्री को देश से माफी मांगनी चाहिए।

Rajya sabha खड़गे ने दावा किया कि आरएसएस के तत्कालीन नेता संविधान के खिलाफ थे। उन्होंने कहा, ‘1949 में पूरा देश जानता था कि आरएसएस के नेता संविधान का विरोध करते थे, क्योंकि यह मनुस्मृति पर आधारित नहीं था। आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गनाइजर ने 30 नवंबर, 1949 के संस्करण में इसके बारे में लिखा भी था।’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘जो लोग झंडे, अशोक चक्र और संविधान से नफरत करते थे, वे आज हमें संविधान की शिक्षा दे रहे हैं।’

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