बारिश...पर बजट में बौछार नहीं
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के अंतिम बजट में ‘लोकलुभावन’ घोषणाओं से परहेज
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नयी दिल्ली, 1 फरवरी (ट्रिन्यू/एजेंसी)
लंबे समय से ‘सूखा’ झेल रही जनता को बृहस्पतिवार को कुदरती राहत तो मिली, लेकिन चुनावपूर्व अंतिम बजट में उसे ‘सूखे का सामना’ करना पड़ा। सुबह से ही छाए बादल बजट भाषण के शुरू होते-होते बरसने लगे, लेकिन जैसे-जैसे भाषण आगे बढ़ा बजट में अायकर स्लैब में छूट जैसी अन्य राहत की कोई घोषणा सुनने को नहीं मिली, अलबत्ता इसे आर्थिक वृद्धि को गति देने वाला बताया गया और दीर्घकालिक राहत वाला बताया गया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नेे चुनाव से पहले पेश अंतरिम बजट में लोकलुभावन योजनाओं की घोषणाओं से परहेज किया। उन्होंने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर की दरों को भी यथावत रखा है, यानी आयकर स्लैब में किसी तरह बदलाव नहीं किया। उन्होंने वित्त वर्ष 2024-25 का लेखानुदान या अंतरिम बजट पेश करते हुए एक तरफ जहां पूंजीगत व्यय 11 प्रतिशत बढ़ाकर 11.11 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया है, वहीं चालू वित्त वर्ष के लिये राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को संशोधित कर इसे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 5.8 प्रतिशत कर दिया है। नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के अंतिम बजट में सीतारमण ने आयात शुल्क समेत प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर के मोर्चे पर कोई राहत नहीं दी। हालांकि, 2014-15 से पहले के 25,000 रुपये तक की छोटी राशि के कर मांग को लेकर विवाद से आम लोगों को राहत देने का प्रस्ताव किया। उन्होंने पिछले 10 साल में सरकार की विभिन्न उपलब्धियों को रखा और पर्यटन, आवास तथा नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए उपायों की घोषणा की। सीतारमण ने मोदी सरकार के फिर से चुने जाने पर तीसरे कार्यकाल की प्राथमिकताओं का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने और उसे बनाए रखने, समावेशी विकास को आगे बढ़ाने तथा भारत को 2047 तक विकसित देश बनाने को लेकर निवेश के लिए संसाधनों के सृजन में योगदान करने वाली आर्थिक नीतियों को अपनाया जाएगा। वित्त मंत्री ने उम्मीद जताई कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को आगामी लोकसभा चुनावों में जनता एक बार फिर शानदार जनादेश के साथ आशीर्वाद देगी। उन्होंने कहा कि सरकार 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने की दिशा में काम कर रही है। सीतारमण ने अंतरिम बजट 2024-25 पेश करते हुए कहा कि ‘अन्नदाता’ (किसानों) के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य समय-समय पर और उचित रूप से बढ़ाया गया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार के लिए सामाजिक न्याय एक प्रभावी तथा आवश्यक ‘मॉडल’ है।
वित्त मंत्री ने इन सबके साथ राजकोषीय मजबूती का ध्यान रखा है। इसके तहत, 2024-25 में राजकोषीय घाटा कम होकर सकल घरेलू उत्पाद का 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा गया है। चालू वित्त वर्ष के लिए संशोधित घाटा अनुमान 5.8 प्रतिशत है। यह 5.9 प्रतिशत के बजटीय अनुमान से कम है। बजट की महत्वपूर्ण घोषणाओं में प्रतिमाह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने के लिए एक करोड़ घरों में छत पर सौर बिजली संयंत्र की स्थापना, नवोन्मेष और प्रौद्योगिकी के लिए कम या शून्य ब्याज दर पर वित्तपोषण प्रदान करने के लिए एक लाख करोड़ रुपये का कोष शामिल है। रक्षा क्षेत्र में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को मजबूत करने की नई योजना शुरू करने का प्रस्ताव किया गया है।
47.66 लाख करोड़ रुपये का बजट
वित्त वर्ष 2024-25 में बजट का आकार 6.1 प्रतिशत बढ़कर 47.66 लाख करोड़ रुपये रहा है। व्यय में वृद्धि और पूंजीगत व्यय तथा सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं के लिए अधिक आवंटन के कारण बजट का आकार बढ़ा है। वित्त मंत्री ने कहा कि राजस्व प्राप्ति 30.03 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। यह पूर्व में जताये गये अनुमान से अधिक है। सीतारमण ने कहा, ‘2024-25 में उधार के अलावा कुल प्राप्तियां और कुल व्यय क्रमशः 30.80 लाख करोड़ रुपये और 47.66 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। कर प्राप्तियां 26.02 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है।’
दो करोड़ मकान बनाये जायेंगे
अगले पांच साल में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण में और 2 करोड़ मकान बनाये जायेंगे। बजट में इस योजना के लिए 54,500 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। अंतरिम बजट में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए आवंटन घट गया है। 2024-25 के अंतरिम बजट में इस योजना के लिए आवंटन 12,000 करोड़ रुपये है जबकि पिछली बार यह 19,000 करोड़ रुपये था।
अब 3 करोड़ बनेंगी लखपति दीदी
सीतारमण ने घोषणा की कि सरकार ने ‘लखपति दीदी’ बनाने का लक्ष्य 2 करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ करने का फैसला किया है। ‘लखपति दीदी’ योजना का उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) में महिलाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे वे प्रति वर्ष कम से कम एक लाख रुपये की स्थायी आय अर्जित कर सकें। उन्होंने कहा कि 9 करोड़ महिलाओं वाले 83 एसएचजी सशक्तीकरण और आत्मनिर्भरता के साथ ग्रामीण सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को बदल रहे हैं।
स्टार्टअप के लिए एक साल कर छूट
बजट में हालांकि किसी नए कर का प्रस्ताव नहीं है, लेकिन स्टार्टअप इकाइयों के लिए कर छूट की अवधि एक साल बढ़ा दी गयी है। साथ ही ‘सॉवरेन वेल्थ फंड’ को कर लाभ और आईएफएससी में विमान पट्टे पर देने वाली कंपनियों के लिए कर लाभ दिया गया है। अन्य घोषणाओं में स्वच्छ ऊर्जा को लेकर 2030 तक 100 टन कोयला से गैस बनाने और द्रवीकरण (लिक्विफिकेशन) क्षमता की स्थापना और पाइप वाली प्राकृतिक गैस (पीएनजी) और सीएनजी में कॉम्प्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) का चरणबद्ध अनिवार्य मिश्रण शामिल है।
बुनियादी ढांचे के खर्च पर 11 फीसदी बढ़ोतरी
उर्वरक और ईंधन सब्सिडी में 8 फीसदी की कटौती
खजाने में आने वाले एक रुपये में 63 पैसे कर से आएंगे
सरकार के खजाने में आने वाले प्रत्येक एक रुपये में 63 पैसा प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष करों से आएगा। इसके अलावा 28 पैसे कर्ज और अन्य देयताओं, 7 पैसे विनिवेश जैसे गैर-कर स्रोतों से और एक पैसा गैर कर्ज पूंजी प्राप्तियों से आएगा। आम बजट 2024-25 के अनुसार, कुल मिलाकर 36 पैसे प्रत्यक्ष कर से आएंगे। इसमें कॉरपोरेट और व्यक्तिगत आयकर शामिल है। आयकर से 19 पैसे आएंगे, कॉरपोरेट कर से 17 पैसे आएंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बृहस्पतिवार को संसद में पेश किए गए अंतरिम बजट के अनुसार, अप्रत्यक्ष करों में जीएसटी से सर्वाधिक 18 पैसे आएंगे। सरकार को रुपये में 5 पैसे उत्पाद शुल्क से और 4 पैसे सीमा शुल्क से मिलेंगे। अंतरिम बजट 2024-25 के अनुसार, उधार और अन्य देनदारियों से संग्रह 28 पैसे प्रति रुपया होगा। खर्च के मामले में, ब्याज भुगतान और करों और शुल्कों में राज्यों की हिस्सेदारी प्रत्येक रुपये के लिए 20 पैसे है। रक्षा क्षेत्र के लिए 8 पैसे प्रति रुपये आवंटित किए गए हैं। केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं पर खर्च प्रत्येक रुपये में से 16 पैसे होगा, जबकि केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए आवंटन 8 पैसे है। वित्त आयोग और अन्य हस्तांतरण’ पर व्यय 8 पैसे है। सब्सिडी और पेंशन मद में व्यय क्रमशः 6 पैसे और 4 पैसे होगा। सरकार हर रुपये में से 9 पैसे ‘अन्य व्यय’ मद में खर्च करेगी।
-नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री
-पी चिदंबरम, पूर्व वित्त मंत्री
राज्यों को मिलेगा 75,000 करोड़ का ब्याज-मुक्त कर्ज
केंद्र सरकार ने ‘विकसित भारत’ के संकल्प को साकार करने के लिए राज्यों के स्तर पर किए जाने वाले सुधारों के लिए राज्यों को 50 साल के लिए 75,000 करोड़ रुपये का ब्याज-मुक्त कर्ज देने का प्रस्ताव किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में वर्ष 2024-25 का अंतरिम बजट पेश करते समय यह घोषणा की। सरकार ने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है।
अपने बजट भाषण में सीतारमण ने कहा कि ‘विकसित भारत’ के संकल्प को पूरा करने के लिए राज्यों में वृद्धि एवं विकास-प्रोत्साहक सुधारों को लागू करने की जरूरत है। ‘राज्य सरकारों के स्तर पर किए जाने वाले सुधारों का समर्थन करने के लिए 50 वर्ष के ब्याज-मुक्त ऋण के रूप में 75,000 करोड़ रुपये का प्रावधान करने का इस साल प्रस्ताव है।’ बजट दस्तावेजों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 में केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत राज्यों के हिस्से के हस्तांतरण, अनुदान एवं ऋण के तौर पर राज्यों को कुल 22,22,264 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए जाने वाले हैं। यह वित्त वर्ष 2022-23 के वास्तविक आंकड़ों से 4,13,848 करोड़ रुपये अधिक है।
तेल कंपनियों में इक्विटी निवेश टला
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऊर्जा परिवर्तन परियोजनाओं में सार्वजनिक क्षेत्र के खुदरा ईंधन विक्रेताओं के निवेश में सहयोग देने के लिए इन कंपनियों में 15 हजार करोड़ रुपये के इक्विटी निवेश को अगले वित्त वर्ष के लिए टाल दिया है। सीतारमण ने पिछले साल एक फरवरी को 2023-24 का आम बजट पेश करते हुए आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल में उनकी ऊर्जा परिवर्तन योजनाओं का समर्थन करने के लिए 30 हजार करोड़ रुपये के इक्विटी निवेश की घोषणा की थी। बजट दस्तावेजों में सीतारमण ने चालू वित्त वर्ष में इक्विटी निवेश के लिए कोई आवंटन नहीं दिखाया।
रेल भीड़ वाले रेल मार्गों के लिए अलग कॉरिडोर का प्रस्ताव
शिक्षा स्कूली शिक्षा को ज्यादा धन, यूजीसी का बजट कम
स्वास्थ्य आयुष्मान हाेंगी आशा व आंगनवाड़ी वर्कर
रक्षा रक्षा पर खर्च के लिए 6.21 लाख करोड़ निर्धारित
सिर्फ 56 मिनट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार छठा बजट पेश किया। उन्होंने 56 मिनट में भाषण समाप्त किया, जो उनका अब तक का सबसे छोटा बजट भाषण है। वह फिरोजी रंग की कढ़ाई वाली कांथा सिल्क की साड़ी पहनकर पहुंचीं।
क्यों पेश किया जाता है अंतरिम बजट
अंतरिम बजट में नयी सरकार के सत्ता संभालने तक के लिए खर्च को लेकर संसद की मंजूरी ली जाती है। अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के लिए पूर्ण बजट अप्रैल-मई के आम चुनावों में चुनी जाने वाली सरकार जुलाई में पेश करेगी।
- निर्मला सीतारमण, केंद्रीय वित्त मंत्री
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