नयी दिल्ली, 6 अगस्त (एजेंसी)
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कई अन्य विपक्षी नेताओं ने शुक्रवार दोपहर यहां जंतर-मंतर पहुंच कर तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के साथ एकजुटता प्रकट की तथा इन कानूनों को निरस्त करने की मांग की। किसान संगठनों की मांग तीन नये कृषि कानूनों को निरस्त करने और एमएसपी की गारंटी का कानून बनाने की है। किसानों संगठनों द्वारा आयोजित ‘किसान संसद’ में भाग लेने के बाद राहुल गांधी ने संवाददाताओं से कहा,‘विपक्ष की पार्टियां यहां हिंदुस्तान के किसानों का समर्थन करने के लिए आई थीं। ये तीन कानून खत्म होने चाहिए।’ उन्होंने यह दावा भी किया कि सरकार सदन में विपक्ष को नहीं सुनना चाह रही और पेगासस मामले पर चर्चा नहीं करा रही। पेगासस, कृषि कानूनों और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर, संसद के मॉनसून सत्र में शुरू से ही दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है। 19 जुलाई से यह सत्र आरंभ हुआ था, लेकिन अब तक दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित होती रही है।
किसानों का समर्थन करने के लिए पहुंचने वाले नेताओं में राज्यसभा नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, द्रमुक नेता तिरुची शिवा समेत अन्य भी शामिल थे।
एमएसपी का कृषि कानूनों से लेना-देना नहीं : तोमर
दूसरी तरफ, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने विपक्ष के इस कदम ‘मीडिया इवेंट’ करार देते हुए कहा कि अगर विपक्षी दल किसानों के मुद्दों को लेकर ईमानदार होते तो संसद में चर्चा करते। वहीं, केंद्र सरकार ने बताया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) नीति का कृषि कानूनों से कोई लेना-देना नहीं है और किसान अपनी उपज अपने फायदे के अनुसार कहीं भी बेचने को स्वतंत्र हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा को एक सवाल के लिखित जवाब में यह बताया।