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Rahul Letter to EC : नई बहस की शुरुआत... राहुल की कलम चली, EC को औपचारिक पत्र लिखकर मांगा 'लोकतंत्र में धांधली का ब्लूप्रिंट' का जवाब

जवाब मांगने के लिए ईसी को औपचारिक पत्र लिखें राहुल गांधी: निर्वाचन आयोग के सूत्र
राहुल गांधी की फाइल फोटो।
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नई दिल्ली, 8 जून (भाषा)

Rahul Letter to EC : कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में धांधली का आरोप लगाने वाले अपने लेख पर निर्वाचन आयोग से जवाब मांगे जाने के एक दिन बाद आयोग के सूत्रों ने रविवार को कहा कि संवैधानिक निकाय तभी जवाब देगा, जब विपक्ष के नेता उसे सीधे पत्र लिखेंगे।

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सूत्रों ने साथ ही कहा कि अपने संपर्क अभियान के तहत निर्वाचन आयोग ने सभी छह राष्ट्रीय दलों से अलग-अलग बातचीत के लिए उन्हें आमंत्रित किया था, जबकि अन्य पांच दलों ने आयोग के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की, लेकिन कांग्रेस ने 15 मई की बैठक रद्द कर दी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में धांधली के आरोपों को निर्वाचन आयोग के सूत्रों द्वारा खारिज किए जाने के बाद उस पर पलटवार करते हुए शनिवार को कहा था कि उसकी विश्वसनीयता बात छिपाने से नहीं, बल्कि सच बोलने से बचेगी।

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शनिवार को दो समाचार पत्रों में लेख लिखकर आरोप लगाया था कि 2024 का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव ‘‘लोकतंत्र में धांधली का ब्लूप्रिंट'' था। उन्होंने कहा था कि यह ‘‘मैच फिक्सिंग'' अब बिहार में भी दोहराई जाएगी और फिर उन जगहों पर भी ऐसा ही किया जाएगा, जहां-जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हार रही होगी।

गांधी द्वारा महाराष्ट्र के मतदान केंद्रों की शाम की सीसीटीवी फुटेज मांगे जाने संबंधी एक सवाल के जवाब में सूत्रों ने कहा कि निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार, चुनाव याचिका दायर होने पर मतदान केंद्रों की सीसीटीवी फुटेज की जांच सक्षम उच्च न्यायालय ही कर सकता है।

आयोग के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘चुनाव की शुचिता के साथ-साथ मतदाताओं की गोपनीयता की रक्षा के लिए निर्वाचन आयोग ऐसा करता है। राहुल गांधी मतदाताओं की गोपनीयता का उल्लंघन क्यों करना चाहते हैं, जिसकी चुनाव कानूनों के अनुसार निर्वाचन आयोग को रक्षा करनी होती है?''

उन्होंने कहा कि किसी भी गड़बड़ी से निपटने के लिए गांधी को उच्च न्यायालयों पर भरोसा करना चाहिए। उन्होंने साथ ही कहा कि मतदाता सूची में हेराफेरी का आरोप लगाकर गांधी ने वास्तव में अपनी ही पार्टी द्वारा नियुक्त बूथ स्तर के एजेंट और महाराष्ट्र में अपनी ही पार्टी के उम्मीदवारों द्वारा नियुक्त मतदान एवं मतगणना एजेंट पर सवाल उठाए हैं।

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