Rahul Judicial Remarks Dispute : न्यायिक टिप्पणी पर गरमाई सियासत, राहुल के बचाव में INDIA गठबंधन
Rahul Judicial Remarks Dispute : विपक्षी ‘इंडिया' गठबंधन के घटक दलों ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों को मंगलवार को ‘‘अनुचित'' करार दिया और कहा कि राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर टिप्पणी करना राजनीतिक दलों की ज़िम्मेदारी है। विपक्ष के कई दलों के सदन के नेताओं ने आज सुबह संसद परिसर में बैठक की जिसमें सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों पर चर्चा की गई। बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी मौजूद थे।
कांग्रेस ने एक बयान में कहा कि ‘इंडिया' गठबंधन के घटक दलों के सभी नेता इस बात पर सहमत थे कि एक न्यायाधीश ने असाधारण टिप्पणी की है जो राजनीतिक दलों के लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए अनुचित है। बयान में कहा गया है, ‘‘राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर टिप्पणी करना राजनीतिक दलों, खासकर विपक्ष के नेता की ज़िम्मेदारी है।''
मुख्य विपक्षी दल ने कहा, ‘‘जब कोई सरकार हमारी सीमाओं की रक्षा करने में इतनी बुरी तरह विफल हो जाती है, तो उसे जवाबदेह ठहराना हर नागरिक का नैतिक कर्तव्य है।'' कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा कि न्यायाधीश यह तय नहीं कर सकते कि कौन सच्चा भारतीय है।
उन्होंने यह भी कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष होने के कारण राहुल गांधी का यह कर्तव्य है कि वह सरकार से सवाल पूछें। सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान भारतीय सेना के बारे में कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर सोमवार को उनकी आलोचना करते हुए कहा, ‘‘अगर आप सच्चे भारतीय हैं, तो ऐसी बात नहीं कहेंगे।''
हालांकि, शीर्ष अदालत ने इस मामले में लखनऊ की एक अदालत में गांधी के खिलाफ जारी कार्यवाही पर रोक लगा दी। न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा, ‘‘आप विपक्ष के नेता हैं। आप संसद में बातें क्यों नहीं कहते हैं, आप सोशल मीडिया पर क्यों कहते हैं?''