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Rahul Gandhi का तीखा वार- RSS का नकाब फिर उतरा, उसे संविधान नहीं मनुस्मृति चाहिए

गांधी ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया कि आरएसएस का नकाब फिर से उतर गया
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नई दिल्ली, 27 जून (भाषा)

Rahul Gandhi : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने संविधान की प्रस्तावना में ‘‘समाजवादी'' और ‘‘धर्मनिरपेक्ष'' शब्दों की समीक्षा करने संबंधी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले के बयान को लेकर आरोप लगाया कि आरएसएस का नकाब फिर से उतर गया है। उसे संविधान नहीं, मनुस्मृति चाहिए।

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लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया कि आरएसएस का नकाब फिर से उतर गया। संविधान इन्हें चुभता है क्योंकि वो समानता, धर्मनिरपेक्षता और न्याय की बात करता है। आरएसएस-भाजपा को संविधान नहीं, मनुस्मृति चाहिए। ये बहुजनों और गरीबों से उनके अधिकार छीनकर उन्हें दोबारा गुलाम बनाना चाहते हैं। संविधान जैसा ताकतवर हथियार उनसे छीनना इनका असली एजेंडा है। आरएसएस ये सपना देखना बंद करे क्योंकि उसे सफल नहीं होने दिया जाएगा।

राहुल गांधी ने इस बात पर जोर दिया कि हर देशभक्त भारतीय आखिरी दम तक संविधान की रक्षा करेगा। आपातकाल पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरएसएस सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा था कि बाबासाहेब आंबेडकर ने जो संविधान बनाया, उसकी प्रस्तावना में ये शब्द कभी नहीं थे।

आपातकाल के दौरान जब मौलिक अधिकार निलंबित कर दिए गए, संसद काम नहीं कर रही थी, न्यायपालिका पंगु हो गई थी, तब ये शब्द जोड़े गए। इस मुद्दे पर बाद में चर्चा हुई लेकिन प्रस्तावना से उन्हें हटाने का कोई प्रयास नहीं किया गया। इसलिए उन्हें प्रस्तावना में रहना चाहिए या नहीं, इस पर विचार किया जाना चाहिए।

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