राहुल गांधी का बड़ा दावा, हमारे पास ‘एटम बम' की तरह पक्के सबूत, EC ‘वोट चोरी' में शामिल
Rahul Gandhi vs Election Commission: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को दावा किया कि उनके पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि निर्वाचन आयोग ‘वोट चोरी' में शामिल है और वह यह सब भारतीय जनता पार्टी...
Rahul Gandhi vs Election Commission: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को दावा किया कि उनके पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि निर्वाचन आयोग ‘वोट चोरी' में शामिल है और वह यह सब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए कर रहा है।
उन्होंने दावा किया कि उनके पास जो सबूत हैं वो ‘एटम बम' की तरह हैं, जिसके फटने के बाद आयोग को कहीं छिपने की जगह नहीं मिलेगी। राहुल गांधी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने बोला है कि वोट चोरी हो रही है। अब हमारे पास एकदम पुख्ता सबूत हैं कि निर्वाचन आयोग वोट चोरी में शामिल है। मैं हल्के-फुल्के अंदाज में नहीं बोल रहा हूं, मैं 100 प्रतिशत सबूत के साथ बोल रहा हूं।''
उन्होंने दावा किया, ‘‘हम जैसे ही यह जारी करेंगे, पूरे देश को पता लग लग जाएगा कि आयोग वोट चोरी करा रहा है और यह भाजपा के लिए करा रहा है।'' कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष का कहना था, ‘‘हमें मध्य प्रदेश (विधानसभा चुनाव) में संदेह था, लोकसभा चुनाव में संदेह था, बाद के विधानसभा चुनावों में वोटर जोड़े गए... इसके बाद हमने अपनी जांच शुरू की। इसमें छह महीने लगे। जो हमें मिला है वो एटम बम है, जब फटेगा तो निर्वाचन आयोग आपको कहीं नहीं दिखेगा।''
राहुल गांधी ने चेतावनी भरे लहजे में कहा, ‘‘मैं बड़ी गंभीरता से बोल रहा हूं कि निर्वाचन आयोग में जो भी यह काम कर रहे हैं, आपको हम छोड़ेंगे नहीं। आप हिंदुस्तान के खिलाफ काम कर रहे हैं, यह राष्ट्रदोह है। आप सेवानिवृत्त हो गए हों, या कहीं भी हों, आपको ढूंढ़कर निकालेंगे।''
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष पिछले कुछ सप्ताह से लगातार यह दावा कर रहे हैं कि कर्नाटक में एक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में उनकी पार्टी ने मतदाता सूचियों की जांच करवाई है जिसमें बड़े पैमाने पर अनियमितता मिली है तथा जल्द ही इसका विवरण सार्वजनिक किया जाएगा।
निर्वाचन आयोग (ईसी) ने बीते 24 जुलाई को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के इस दावे पर कड़ी आपत्ति जताई थी। आयोग ने कहा था कि लोकसभा में विपक्ष के नेता ने न केवल ‘‘बेबुनियाद आरोप'' लगाए, बल्कि एक संवैधानिक संस्था को ‘‘धमकाने'' का भी प्रयास किया।

