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Rahul Gandhi vs EC : राजनाथ ने राहुल को दी खुली चुनौती, कहा - अगर उनके पास 'सबूतों का एटम बम' है तो फोड़ के दिखाए

राजनाथ ने राहुल को निर्वाचन आयोग के खिलाफ 'सबूतों का एटम बम' फोड़ने की चुनौती दी
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Rahul Gandhi vs EC : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने निर्वाचन आयोग पर बिहार में ‘‘वोट चोरी'' का आरोप लगाने के लिए शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आलोचना की। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने दावा किया है कि निर्वाचन आयोग बिहार में ‘वोट चोरी' में शामिल है और इस बारे में उनके पास ऐसा पुख्ता सबूत है, जो ‘एटम बम' की तरह है, जिसके फटने पर आयोग को कहीं छिपने की जगह नहीं मिलेगी।

पटना में एक मीडिया संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिंह ने आगामी विधानसभा चुनावों की तुलना एक चौराहे से की, जिसमें "एक रास्ता (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के तहत) आगे की प्रगति की ओर ले जाता है और दूसरा (‘इंडिया' गठबंधन के तहत) बिहार को अराजकता और जाति संघर्ष के पुराने दौर में वापस ले जाता है।" भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सिंह ने कटाक्ष करते हुए कहा, "राहुल गांधी कहते हैं कि उनके पास एटम बम है। अगर ऐसा है, तो उन्हें तुरंत उसे फोड़ देना चाहिए। उन्हें बस यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह खुद खतरे से दूर रहें।"

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सिंह ने कहा कि देश को राहुल गांधी के पिछले बयानों की याद है। रक्षा मंत्री ने कहा, "उन्होंने (राहुल) संसद में भूकंप आने की धमकी दी थी, लेकिन जब उन्होंने अपनी बात रखी, तो वह एक बेकार बात साबित हुई।" केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत का निर्वाचन आयोग एक ऐसी संस्था है, जो निर्विवाद ईमानदारी के लिए प्रतिष्ठित है। सिंह ने कहा, "राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से कराने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। विपक्ष के नेता को किसी संवैधानिक संस्था के बारे में निम्न स्तर की बयानबाजी करना शोभा नहीं देता।"

सिंह ने कांग्रेस नेता को याद दिलाया कि "उनकी अपनी पार्टी के हाथ खून से रंगे हैं, जिन्होंने 1975 में आपातकाल लगाकर लोकतंत्र की हत्या करने की कोशिश की थी।" भाजपा के वरिष्ठ नेता ने बिहार में 20 साल के शासन के दौरान राज्य को पटरी पर लाने में मदद करने के लिए गठबंधन सहयोगी नीतीश कुमार की भी प्रशंसा की। सिंह ने कहा, "नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार अब बदहाल नहीं रहा। ‘द इकोनॉमिस्ट' जैसी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित पत्रिका, जिसने कभी इस राज्य को भारत का पिछलग्गू बताया था, अब इसके बदलाव का जिक्र कर रही है।"

सिंह ने यह भी दावा किया कि 11 साल पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सत्ता में आने के बाद से राज्य की प्रगति को और बढ़ावा मिला है। उन्होंने कहा, "राजग सरकार ने अब तक बिहार को नौ लाख करोड़ रुपये की सहायता दी है, जबकि पिछली कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने एक दशक में केवल दो लाख करोड़ रुपये दिए थे।" उन्होंने कहा, "मोदी ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वह विकसित भारत के निर्माण में बिहार और सभी पूर्वी राज्यों की महत्वपूर्ण भूमिका देखते हैं।" भाजपा नेता ने राज्य में व्याप्त उस निराशाजनक स्थिति को भी याद किया जब “फिरौती के लिए अपहरण एक कुटीर उद्योग बन गया था और व्यवसायी राज्य से भागने के लिए मजबूर हो गए थे।”

केंद्रीय मंत्री ने दावा किया, ‘‘राज्य की प्रति व्यक्ति आय, जो आजादी के समय राष्ट्रीय औसत का 80 प्रतिशत थी, 2005 में राजग के सत्ता में आने तक घटकर 30 प्रतिशत से भी कम रह गई थी।'' सिंह ने कहा, "आने वाले चुनाव बेहद अहम हैं। राज्य खुद को एक दोराहे पर खड़ा पाता है, जहां एक रास्ता सुनहरे भविष्य की ओर ले जाता है, तो दूसरा उस निराशाजनक अतीत की ओर ले जाता है, जिसे उसने बहुत कष्ट सहने के बाद पीछे छोड़ा था।"

उन्होंने बिहार के गौरवशाली इतिहास के बारे में भी विस्तार से बात की, जहां बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ और जहां भगवान महावीर का जन्म हुआ और उन्होंने अपना अधिकांश जीवन बिताया। सिंह ने कहा, "यह वही भूमि है, जो प्राचीन काल में मगध साम्राज्य की सत्ता का केंद्र रही है। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि भारत का प्राचीन इतिहास बिहार से जुड़ा है।"

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