राहुल गांधी बोले- हमारा नारा 'वोट चोर, गद्दी छोड़' पूरे देश में प्रभावी सिद्ध हुआ, आने वाले समय में...
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि 'वोट चोर, गद्दी छोड़' का नारा पूरे देश में प्रभावी सिद्ध हुआ है। पार्टी इसे ''और भी प्रभावशाली तरीकों से'' स्थापित करेगी। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी दो दिवसीय दौरे पर अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली पहुंचे हैं।
इससे पहले वह दिन में लखनऊ के चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डा पहुंचे, जहां कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने उनका स्वागत किया। गांधी ने कहा कि मुख्य नारा 'वोट चोर, गद्दी छोड़' है और यह पूरे देश में प्रभावी सिद्ध हुआ है। आने वाले समय में हम इसे बार-बार और भी प्रभावशाली तरीकों से साबित करेंगे। देदौली में हरचंदपुर विधानसभा क्षेत्र के पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, गांधी ने महाराष्ट्र और कर्नाटक में कथित "वोट चोरी" की घटनाओं का जिक्र किया।
हालांकि मीडिया को कार्यक्रम में जाने की अनुमति नहीं थी, लेकिन कांग्रेस नेता ने कहा कि महाराष्ट्र और कर्नाटक विधानसभा चुनावों में वोट चोरी के "स्पष्ट" सबूत मौजूद हैं। एक सूत्र ने गांधी के हवाले से कहा कि महाराष्ट्र में हमारी पार्टी और हमारा गठबंधन लोकसभा में जीता, और चार महीने बाद विधानसभा में हमारा सफाया हो गया। जब हमने जांच की, तो पता चला कि लोकसभा चुनावों के बाद लगभग एक करोड़ नए मतदाता चुनाव प्रणाली में शामिल हुए थे। हमारे और हमारे सहयोगियों के वोट वही रहे, लेकिन सभी नए वोट भाजपा को मिले।
कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना को मिले वोटों में कोई बदलाव नहीं आया। भाजपा के मतों में "भारी उछाल" आया, क्योंकि हर नया मतदाता उसके पक्ष में गया। उन्होंने चुनाव आयोग से इस मामले की जांच करने और यह बताने को कहा है कि चार महीनों में एक करोड़ नए मतदाता कैसे जुड़े। कांग्रेस नेता के हवाले से एक सूत्र ने कहा कि आयोग ने इनकार कर दिया, कहा कि वे हमें सूची नहीं देंगे और न ही कोई वीडियो उपलब्ध कराएंगे। गांधी ने आरोप लगाया कि कर्नाटक में भी इसी प्रकार की अनियमितताएं सामने आईं।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बेंगलुरु मध्य लोकसभा क्षेत्र के एक विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की जांच की, जहां दो लाख नकली मतदाता पाए गए, जिससे वहां भाजपा की जीत सुनिश्चित हुई। बेंगलुरू मध्य (लोकसभा सीट) में सात विधानसभा सीट हैं। हमारे कार्यकर्ताओं ने सिर्फ एक की पड़ताल में चार महीने बिताए और उन्हें यह मिला। ऐसी घटनाएं सिर्फ बेंगलुरु या महाराष्ट्र तक ही सीमित नहीं हैं।