राहुल गांधी को 12 साल पुराने मामले में मिली राहत, ISI से संबंध वाले बयान पर याचिका खारिज
सुल्तानपुर की एक त्वरित अदालत ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को 12 साल पुराने मामले में राहत देते हुए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के मुस्लिम युवकों से संपर्क करने के कथित बयान पर उनके खिलाफ पुनरीक्षण याचिका मंगलवार को खारिज कर दी।
गांधी के खिलाफ यह मामला 2013 में दायर किया गया था। आरोप था कि गांधी ने 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों का जिक्र करते हुए दावा किया था कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने मुस्लिम युवकों से संपर्क किया है। एक अधिवक्ता ने बताया कि अदालत में गांधी के वकील काशी प्रसाद शुक्ला ने अपनी दलीलें पेश कीं। दोनों पक्षों को सुनने के बाद, त्वारित अदालत-2 के न्यायाधीश राकेश ने याचिका खारिज कर दी, जिससे गांधी को इस मामले में राहत मिल गई। मामले में वकील मोहम्मद अनवर ने अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी।
विशेष मजिस्ट्रेट शुभम वर्मा ने इससे पहले 30 जनवरी को शिकायत खारिज कर दी थी। इसके बाद, अनवर ने मजिस्ट्रेट के आदेश के खिलाफ पुनरीक्षण याचिका के साथ जिला न्यायाधीश की अदालत का दरवाजा खटखटाया था। यहां की त्वारित अदालत-2 ने रायबरेली से कांग्रेस सांसद गांधी को मंगलवार को राहत देते हुए 2013 के इस मामले में उनके खिलाफ दायर पुनरीक्षण याचिका खारिज कर दी।
गांधी ने मध्यप्रदेश के इंदौर में एक चुनावी रैली में दावा किया था कि मुजफ्फरनगर दंगों के पीड़ित 15-16 नौजवानों से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने संपर्क किया था। उन्होंने कहा था कि यह बात उन्हें खुफिया विभाग के एक अफसर ने बताई है। इस बयान को लेकर अधिवक्ता मोहम्मद अनवर ने शिकायत दर्ज कराई थी। उस समय राहुल गांधी कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष थे। इस मामले के गवाहों में मोहम्मद अनवर, राजा राम उपाध्याय और विशाल बरनवाल शामिल थे।