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Rahul Gandhi Chandigarh Visit : दिग्गजों को राहुल की ‘नसीहत’... जिलों में दौरों के दौरान नेताओं के घर जाने से करें परहेज, वर्करों तक रहें सीमित

राहुल की दो-टूक - ना किसी नेता से डरें और ना ही किसी के प्रभाव में आएं, पर्यवेक्षकों को बताया संगठन गठन का फार्मूला
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दिनेश भारद्वाज/चंडीगढ़, 4 जून (ट्रिब्यून न्यूज सर्विस)

Rahul Gandhi Chandigarh Visit : हरियाणा में कांग्रेस ने संगठन के गठन का रोडमैप तैयार कर लिया है। बुधवार को चंडीगढ़ स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की अध्यक्षता में हुई तीनों ही बैठकों में मुख्य फोकस संगठन का गठन ही रहा। प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की बैठक से राहुल ने ‘संगठन सृजन’ कार्यक्रम की शुरूआत की। बैठक में गुटबाजी और आपसी खींचतान को लेकर वरिष्ठ नेताओं को नसीहत देने के बाद राहुल ने केंद्रीय व प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से नियुक्त किए गए पर्यवेक्षकों की सामूहिक बैठक की।

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नई दिल्ली रवाना होने से पहले राहुल गांधी ने बंद कमरे में केंद्रीय पर्यवेक्षकों के साथ अलग से बैठक की। इस बैठक में प्रदेश कांग्रेस के किसी भी नेता को शामिल नहीं किया गया। हालांकि राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल, हरियाणा मामलों के प्रभारी बीके हरिप्रसाद व सह-प्रभारी जितेंद्र बघेल इस बैठक में मौजूद रहे। सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय पर्यवेक्षकों की बैठक में राहुल गांधी ने उन्हें अच्छे से यह बता और समझा दिया कि प्रदेश में कांग्रेस संगठन का गठन किस फार्मूले के तहत किया जाना है।

इससे पहले पर्यवेक्षकों की सामूहिक बैठक में राहुल गांधी ने पर्यवेक्षकों को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि जिलाध्यक्षों के पैनल तैया करते समय उन्हें किसी भी नेता से डरने या दबने की जरूरत नहीं है। पर्यवेक्षक जिलों में दौरों के दौरान स्थानीय नेताओं व पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं से ही बात करेंगे। किसी भी नेता के घर जाने, उनके साथ खाना खाने या अन्य किसी भी तरह की करीबी बढ़ाने की जरूरत नहीं है। साथ ही, यह भी कह दिया गया कि अगर किसी भी पर्यवेक्षक के खिलाफ ग्राउंड से शिकायत आई तो उसे तुरंत बदल दिया जाएगा।

बीरेंद्र सिंह को मंच पर बुलाया

पर्यवेक्षकों की बैठक के दौरान केंद्रीय नेताओं के अलावा भूपेंद्र सिंह हुड्डा, चौ़ उदयभान, कुमारी सैलजा, रणदीप सिंह सुरजेवाला, दीपेंद्र सिंह हुड्डा, धर्मपाल सिंह मलिक व डॉ़ अशोक तंवर सहित कई वरिष्ठ नेता मुख्य मंच पर राहुल के साथ बैठे थे। वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री चौ़ बीरेंद्र सिंह नीचे पर्यवेक्षकों के साथ बैठे थे। यह देखते ही राहुल गांधी ने केसी वेणुगोपाल की ओर इशारा किया। वेणुगोपाल ने तुरंत बीरेंद्र सिंह को मुख्य मंच पर बुला लिया।

एससी-बीसी को मिलेगा प्रतिनिधित्व

राहुल गांधी ने पर्यवेक्षकों को निर्देश दिए कि जिलाध्यक्ष के पैनलों में एससी-बीसी समाज के नेताओं को भी शामिल किया जाए। अगर किसी जिले में एससी या बीसी समाज के मजबूत चेहरे हैं, जो उन्हें पैनल में पहले और दूसरे स्थान पर जगह दी जाए। जिलाध्यक्ष के लिए छह-छह नामों का पैनल बनेगा। ये पैनल 30 जून से पहले पर्यवेक्षकों को तैयार करके पार्टी नेतृत्व को भेजने होंगे। इसके बाद केंद्रीय नेतृत्व पैनल को लेकर वरिष्ठ नेताओं से चर्चा करेगा और छंटनी के बाद जिलाध्यक्ष के नाम को अंतिम रूप दिया जाएगा। जो केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं, उनमें से अधिकांश पहले गुजरात में संगठन गठन की प्रक्रिया का हिस्सा रह चुके हैं। राहुल ने दो-टूक कहा कि ग्राउंड पर काम करने वाले सक्रिय व मजबूत चेहरों को ही संगठन में जगह दी जाएगी।

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