Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

रायबरेली : रण में राहुल अमेठी : 25 साल बाद गैर गांधी

कांग्रेस और गांधी परिवार के लिए प्रतिष्ठित मानी जाने वाली रायबरेली और अमेठी सीटों पर आखिरकार सस्पेंस खत्म हुआ। नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन उम्मीदवारों का फैसला किया गया। राहुल अब ऐसी सीट से किस्मत आजमा रहे हैं जिसका...
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
रायबरेली में नामांकन दाखिल करने के लिए जाने से पहले फुरसतगंज हवाई अड्डे पर अपनी मां सोनिया गांधी, बहन प्रियंका के साथ कांग्रेस प्रत्याशी राहुल गांधी। - एएनआई
Advertisement

कांग्रेस और गांधी परिवार के लिए प्रतिष्ठित मानी जाने वाली रायबरेली और अमेठी सीटों पर आखिरकार सस्पेंस खत्म हुआ। नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन उम्मीदवारों का फैसला किया गया। राहुल अब ऐसी सीट से किस्मत आजमा रहे हैं जिसका प्रतिनिधित्व पूर्व में उनकी मां सोनिया गांधी, दादी इंदिरा गांधी और दादा फिरोज गांधी करते रहे हैं। उधर, अमेठी से 25 वर्षों में पहली बार गांधी परिवार से कोई चुनाव नहीं लड़ रहा। यहां से पार्टी ने केएल शर्मा को मैदान में उतारा है।

खड़गे, सोनिया और प्रियंका समेत कई नेताओं की मौजूदगी में भरा पर्चा

रायबरेली, 3 मई (एजेंसी)

Advertisement

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश की रायबरेली लोकसभा सीट से शुक्रवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। राहुल ने इस सीट पर नामांकन पत्र दाखिल करने की समय सीमा समाप्त होने से मुश्किल से घंटा भर पहले अपना पर्चा दाखिल किया। कांग्रेस ने इससे पूर्व रायबरेली सीट पर उम्मीदवारी को लेकर बने रहस्य से पर्दा हटाते हुए सुबह यहां से राहुल गांधी को मैदान में उतारने की घोषणा की थी। रायबरेली पिछले दो दशक से उनकी मां सोनिया गांधी का निर्वाचन क्षेत्र रहा है।

नामांकन पत्र दाखिल करते समय राहुल के साथ कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रियंका गांधी वाड्रा तथा उनके पति राबर्ट वाड्रा भी मौजूद रहे। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी इस दौरान गांधी परिवार के साथ थे। इस दौरान कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों के नेता भी थे। भाजपा ने बृहस्पतिवार को दिनेश प्रताप सिंह को रायबरेली से अपना उम्मीदवार घोषित किया था। वह 2019 के लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी से हार गए थे। इस बीच, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि प्रियंका गांधी कोई भी उपचुनाव लड़कर संसद में पहुंच सकती हैं, लेकिन वह इस समय पीएम के हर झूठ का जवाब सच से देकर उनकी अकेले ही बोलती बंद कर रही हैं।’ रमेश ने कहा, ‘राहुल गांधी राजनीति और शतरंज के मंजे हुए खिलाड़ी हैं तथा सोच समझ कर दांव चलते हैं।’

डरो मत, भागो मत : मोदी

राहुल के रायबरेली से चुनाव लड़ने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘...और अब दूसरी सीट पर भी उनके सारे चेले-चपाटे कह रहे थे अमेठी आएंगे, अमेठी आएंगे। लेकिन अमेठी से भी इतना डर गए कि वहां से भागकर अब रायबरेली में खोज रहे हैं रास्ता। ये लोग घूम-घूम कर सबको कहते हैं - डरो मत! मैं भी इन्हें कहता हूं, अरे डरो मत! भागो मत!’

अमेठी से कांग्रेस उम्मीदवार केएल शर्मा ने दाखिल किया नामांकन

अमेठी, 3 मई (एजेंसी)

अमेठी लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार और गांधी परिवार के करीबी किशोरी लाल शर्मा ने शुक्रवार को नामांकन दाखिल किया। नामांकन से पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कार्यकर्ताओं को भरोसा दिलाया कि वह हमेशा अमेठी के साथ हैं और आगे भी रहेंगी। उन्होंने कहा कि वह छह मई को वापस आएंगी और अमेठी तथा रायबरेली में चुनाव प्रचार करेंगी और 40 साल तक अमेठी की सेवा करने वाले केएल शर्मा को भारी मतों से विजयी बनाएंगी। इस बीच, केएल शर्मा ने कहा, ‘मैं हमेशा गांधी परिवार का सेवक रहा हूं और एक सेवक को गांधी परिवार ने जो जिम्मेदारी सौंपी है, उसे मैं निभाऊंगा।’ शर्मा ने कहा कि वह आज भी चाहते हैं कि गांधी परिवार अमेठी से चुनाव लड़े लेकिन परिवार का जो आदेश हुआ, एक ‘सेवक’ के नाते उसे स्वीकार करना उनका धर्म है।

उल्लेखनीय है कि 25 वर्षों में ऐसा पहली बार होगा जब गांधी परिवार का कोई भी सदस्य लोकसभा चुनाव में इस सीट से चुनाव मैदान में नहीं उतरेगा। वर्ष 1967 में निर्वाचन क्षेत्र बने अमेठी को गांधी परिवार का मजबूत किला माना जाता है और करीब 31 वर्षों तक गांधी परिवार के सदस्यों ने इस लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया है। पिछले आम चुनाव में भाजपा नेता स्मृति ईरानी कांग्रेस के इस किले को भेदने में सफल रहीं और उन्होंने राहुल गांधी को 55 हजार से ज्यादा मतों से शिकस्त दी थी।

कांग्रेस ने पहले ही हार स्वीकार कर ली है : स्मृति ईरानी

कांग्रेस उम्मीदवार के नाम के ऐलान के बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, ‘गांधी परिवार का अमेठी में चुनावी मैदान में नहीं होना, इस बात का स्पष्ट संकेत है कि कांग्रेस ने सीट पर मतदान से पहले ही अपनी हार मान ली है।’ भाजपा नेता ने कहा, ‘अगर उन्हें लगता कि इस सीट पर जीत की कोई उम्मीद है तो वे यहां से चुनाव लड़ते, न कि अपना प्रतिनिधि उतारते। अमेठी में एक नया इतिहास रचा जाएगा।’

Advertisement
×