लंदन, 26 नवंबर (एजेंसी)
एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने एक विनिर्माण त्रुटि को स्वीकार किया है, जिससे कोरोना के प्रायोगिक टीके के शुरुआती नतीजों पर सवाल उठ खड़े हुए हैं। एक अधिकृत बयान में गलती के बारे में बताया गया है। इससे कुछ दिन पहले कंपनी और विश्वविद्यालय ने कहा था कि प्रायोगिक टीका ‘बेहद प्रभावी है’, लेकिन इसमें इस बात का उल्लेख नहीं किया गया था कि अध्ययन में हिस्सा लेने वाले कुछ प्रतिभागियों को टीके की दो खुराकों में से पहली वाली में उतनी मात्रा में टीका क्यों नहीं दिया गया, जितना अपेक्षा के अनुसार दिया जाना था।
आश्चर्य की बात है कि अध्ययन में स्वेच्छा से हिस्सा ले रहे लोगों के जिस समूह को टीके की कम खुराक दी गई थी, वे उस समूह से अधिक बेहतर सुरक्षित लगते हैं जिन्हें पूरी खुराकें दी गई हैं। एस्ट्राजेनेका ने कहा कि कम खुराक लेने वाले समूह में टीका 90 प्रतिशत तक असरदार प्रतीत होता है, जबकि जिस समूह को पूर्ण दो खुराकें दी गई थीं, उनमें टीका 62 फीसदी तक असरदार दिखा। कुल मिलाकर दवा बनाने वाली कंपनी ने कहा कि टीका 70 फीसदी असरदार लगता है। जिस तरीके से नतीजों पर पहुंचा गया है और कंपनियों ने सूचना दी है, उस पर विशेषज्ञों ने सवाल उठाए हैं।
देश में 504 मौतें, उपचाराधीन मामले बढ़े
नयी दिल्ली (एजेंसी) : देश में लगातार दूसरे दिन ठीक हुए कोरोना मरीजों की संख्या 40 हजार से कम रही। ठीक होने वालों के मुकाबले नये मामले ज्यादा होने का सिलसिला भी जारी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से बृहस्पतिवार सुबह जारी आंकड़ाें के अनुसार बीते 24 घंटे में कोरोना के 44489 नये मामले मिले, जबकि 36367 ठीक हुए। इस दौरान 524 संक्रमितों की मौत हो गयी और मृतकों की कुल संख्या 1,35,223 तक गयी। देश में कोरोना के कुल 92,66,705 मामलों में से 86.79 लाख लोग स्वस्थ हो चुके हैं। अभी 4,52,344 संक्रमित उपचाराधीन हैं। यह संख्या बुधवार को उपचाराधीन लोगों की संख्या से 7,598 अधिक है। मंत्रालय के अनुसार देश में मरीजों के ठीक होने की दर 93.66 और मृत्यु दर 1.46 फीसदी है। आईसीएमआर के अनुसार बुधवार को 10.90 लाख कोरोना टेस्ट किए गये।