लैंड पूलिंग नीति को वापस लेने के बाद पंजाब सरकार ग्रेटर मोहाली क्षेत्र विकास प्राधिकरण (गमाडा) की 20,000 करोड़ रुपये की संपत्ति पर नजर गड़ाए हुए है, ताकि वह अपनी लोकलुभावन योजनाओं के लिए ऋण जुटा सके।
वित्त विभाग के साथ परामर्श करने के बाद आवास एवं शहरी विकास विभाग को मोहाली में गमाडा की आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक स्थलों की एक सूची (नीलाम की जाने वाली संपत्तियां) तैयार करने के लिए कहा गया था। मुख्य सचिव केएपी सिन्हा की अध्यक्षता में हाल ही में हुई एक बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई। इस मुद्दे पर मुख्य सचिव का पक्ष जानने को को कई बार फोन किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
सूत्रों ने बताया कि आठ में से छह आवास विकास प्राधिकरणा (अमृतसर, बठिंडा, पटियाला, जालंधर, श्री आनंदपुर साहिब (शहरी) और डेरा बाबा नानक कम ज़मीन और नीलामी के लिए सीमित संपत्तिया होने के कारण अपने प्रशासनिक खर्चों को पूरा करने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। केवल गमाडा और ग्रेटर लुधियाना एरिया डेवेलपमेंट अथॉरिटी ही वित्तीय रूप से मज़बूत हैं। वर्तमान में गमाडा पर वित्तीय संस्थानों का लगभग 5,000 करोड़ रुपये का ऋण बकाया है। सूत्रों ने बताया कि कुल इन्वेंट्री के एक हिस्से का इस्तेमाल वित्तीय संस्थानों से ऋण लेने के लिए किया जा सकता है, ताकि महिलाओं को 1,100 रुपये मासिक सहायता प्रदान करने जैसी लोकलुभावन योजनाओं को वित्तपोषित किया जा सके। वहीं, अधिकारियों ने कहा कि योजना में कुछ भी नया नहीं है।