Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Punjab Floods: बाढ़ से बेहाल पंजाब; शिक्षा संस्थान बंद, केंद्र और राज्य सरकार अलर्ट मोड पर

Punjab Floods: मुख्यमंत्री-राज्यपाल करेंगे प्रभावित इलाकों का दौरा, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी कल पहुंचेंगे पंजाब
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
लुधियाना में जलजमाव के बीच गुजरते लोग। ट्रिब्यून
Advertisement

Punjab Floods: पंजाब में बाढ़ का संकट लगातार गहराता जा रहा है। हालात इतने बिगड़े कि राज्य सरकार को सभी सरकारी और निजी स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय और पॉलिटेक्निक संस्थान 7 सितंबर तक बंद करने का आदेश जारी करना पड़ा। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने भी सक्रियता दिखाते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को पंजाब भेजने का फैसला किया है।

चौहान गुरुवार को प्रभावित जिलों का दौरा करेंगे और किसानों की स्थिति का जायजा लेंगे। प्रदेश में अब तक 30 लोगों की मौत और चार लोगों के लापता होने की पुष्टि हो चुकी है। साढ़े तीन लाख से अधिक लोग इस आपदा की चपेट में हैं। भारी बारिश और नदियों के उफान ने राज्य के कई हिस्सों को जलमग्न कर दिया है। पंजाब सरकार ने हालात की गंभीरता को देखते हुए पूरे राज्य को प्राकृतिक आपदा ग्रस्त क्षेत्र घोषित कर दिया है।

Advertisement

मुख्यमंत्री-राज्यपाल का दौरा

मुख्यमंत्री भगवंत मान और राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया बुधवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा शुरू कर दिया है। दोनों नेता राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं और पीड़ित परिवारों से सीधे संवाद भी उन्होंने किया। सरकार ने स्पष्ट किया है कि राहत कार्यों में किसी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

केंद्र सरकार का भरोसा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्री भगवंत मान से बात कर ताजा हालात की जानकारी ली है। इसके बाद केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा कि पंजाब के लोगों को इस आपदा में अकेला नहीं छोड़ा जाएगा। चौहान ने बताया कि उन्होंने पंजाब के राज्यपाल और कृषि मंत्री से फोन पर बातचीत कर विस्तृत रिपोर्ट ली है। वे बृहस्पतिवार को पंजाब आकर हालात देखेंगे। उनका कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से जो भी मदद ज़रूरी होगी, उसे तुरंत उपलब्ध कराया जाएगा।

शिक्षा संस्थान 7 सितंबर तक बंद

शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने कहा कि पहले तीन सितंबर तक छुट्टियां घोषित की गई थीं, लेकिन हालात बिगड़ने पर इन्हें 7 सितंबर तक बढ़ाना पड़ा। उन्होंने सभी संस्थानों को आदेश का सख्ती से पालन करने को कहा है। हालांकि, परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों और कॉलेज स्तर पर दाखिला लेने वाले युवाओं में इसे लेकर चिंता है। सरकार ने आश्वासन दिया है कि अकादमिक कैलेंडर प्रभावित न हो, इसके लिए विकल्प तैयार किए जा रहे हैं।

फसल और पशुधन को बड़ा नुकसान

राज्य सरकार ने माना है कि बाढ़ से लगभग 3.75 लाख एकड़ कृषि भूमि प्रभावित हुई है, जिनमें से अधिकांश धान की खड़ी फसल थी। कटाई से पहले ही फसल का जलमग्न होना किसानों पर दोहरी मार साबित हो रहा है। साथ ही पशुधन के नुकसान से ग्रामीण परिवारों की आजीविका पर गंभीर संकट खड़ा हो गया है। पंजाब जैसे कृषि प्रधान राज्य में यह आपदा लंबे समय तक आर्थिक असर छोड़ सकती है। सरकार ने केंद्र से विशेष राहत पैकेज की मांग करने की तैयारी भी शुरू कर दी है।

आगे और बिगड़ सकते हैं हालात

मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में भारी बारिश की संभावना बनी हुई है। ऐसे में राज्य सरकार को राहत और बचाव कार्यों को और तेज करना होगा। अधिकारियों का कहना है कि यदि नदियों का जलस्तर और बढ़ता है तो अधिक गाँवों के डूबने का खतरा है।

कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द, वार फुटिंग पर सेवाएं

मुख्य सचिव केएपी सिन्हा की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द की जाती हैं। सभी विभागीय कर्मचारी सातों दिन और चौबीसों घंटे ड्यूटी पर रहेंगे। किसी को भी अनुपस्थित रहने की छूट नहीं होगी।

डीसी को आपदा कानून के तहत अधिकार

जिला उपायुक्तों को आपदा प्रबंधन अधिनियम 2025 की धारा 34 के तहत अधिकार दिया गया है कि वे तत्काल ज़रूरी आदेश जारी कर सकें। इसका मकसद यह है कि राहत और बचाव कार्यों में कोई देरी न हो और फैसले सीधे ज़मीनी स्तर पर लागू किए जा सकें।

सभी विभागों पर कड़ी निगरानी

आदेश में कहा गया है कि सभी विभागीय अधिकारी अपने-अपने आपातकालीन कार्यों को प्राथमिकता से पूरा करें। पीडब्ल्यूडी, जल संसाधन विभाग और पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड को तुरंत सेवाएं बहाल करने का निर्देश दिया गया है। वहीं टेलीकॉम कंपनियों को मोबाइल और लैंडलाइन नेटवर्क सुचारु बनाए रखने को कहा गया है।

पंचायतों और शहरी निकायों की भूमिका

पंचायत राज संस्थान और शहरी निकायों को बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत पहुंचाने का दायित्व सौंपा गया है। सरकार ने साफ कहा है कि स्थानीय निकाय ही सबसे पहले प्रभावित लोगों तक पहुँचेंगे और उन्हें जिला प्रशासन तथा राज्य सरकार से पूरा सहयोग मिलेगा।

Advertisement
×