Punjab flood: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का पंजाब के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा, किसानों से की बात
Punjab flood: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बृहस्पतिवार को पंजाब के अमृतसर जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा शुरू किया, जहां उन्होंने प्रभावित किसानों से बातचीत की। इससे पहले, यहां आगमन पर पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उन्हें बाढ़ की स्थिति पर एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी।
चौहान अमृतसर हवाई अड्डे पहुंचे और वह पंजाब के कुछ बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं। चौहान अमृतसर, गुरदासपुर और कपूरथला जिलों के गांवों का दौरा करेंगे और प्रभावित किसानों से बातचीत करेंगे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पंजाब इकाई के प्रमुख सुनील जाखड़ और पार्टी के वरिष्ठ नेता तरुण चुघ के साथ चौहान अमृतसर जिले के अजनाला पहुंचे और वहां किसानों से बातचीत की।
बातचीत के दौरान केंद्रीय मंत्री ने स्थिति का जायज़ा लिया। वहां मौजूद एक किसान ने उन्हें फसल को हुआ भारी नुकसान दिखाया। अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले राज्यपाल कटारिया ने अमृतसर, पठानकोट, गुरदासपुर, तरनतारन और फिरोजपुर जिलों में बाढ़ की स्थिति पर रिपोर्ट सौंपी। एक से चार सितंबर तक बाढ़ प्रभावित सभी पांच जिलों का दौरा करने के बाद राज्यपाल ने चौहान को इन क्षेत्रों की जमीनी हकीकत से अवगत कराया और बाढ़ के कारण जान-माल, फसलों और बुनियादी ढांचे को हुए व्यापक नुकसान के बारे में बताया।
उन्होंने पंजाब सरकार, जिला प्रशासन, सेना, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियों द्वारा संयुक्त रूप से चलाए जा रहे राहत एवं पुनर्वास कार्यों की भी जानकारी दी। चौहान बाढ़ प्रभावित लोगों से मिलने और उनकी तात्कालिक आवश्यकताओं का आकलन करने के लिए पंजाब के दौरे पर हैं।
उन्होंने राज्य को शीघ्र राहत एवं पुनर्वास कार्यों के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करने में केंद्र सरकार की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। बाद में, पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां और विधायक कुलदीप सिंह धालीवाल ने चौहान से मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपकर अजनाला विधानसभा क्षेत्र में बाढ़ से हुए नुकसान के लिए पहले चरण में 2,000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करने की मांग की।
उन्होंने केंद्र से राज्य के लंबित 60,000 करोड़ रुपये जारी करने की भी मांग की। पंजाब इस समय दशकों में अपनी सबसे भीषण बाढ़ आपदाओं में से एक का सामना कर रहा है। यह बाढ़ सतलुज, व्यास और रावी नदियों के उफान पर बहने के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा के कारण मौसमी छोटी नदियों में उफान का नतीजा है। बाढ़ से अब तक 37 लोगों की मौत हो चुकी है और 3.55 लाख से ज़्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ में 1.75 लाख हेक्टेयर से ज़्यादा क्षेत्र में फसलें बर्बाद हो गई हैं।