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Punjab flood: कपूरथला रेल कलपुर्जे बनाने वाली कंपनी ने राहत और बचाव कार्यों के लिए नौका बनाईं

Punjab flood: पंजाब के कई बाढ़ प्रभावित इलाकों तक पहुंचने के लिए नौका ही एकमात्र साधन बन गई है, ऐसे में कपूरथला की एक कंपनी राज्य में राहत कार्यों में मदद के लिए नौका बना रही है और उनकी आपूर्ति...
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कंपनी द्वारा तैयार वोट। निस
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Punjab flood: पंजाब के कई बाढ़ प्रभावित इलाकों तक पहुंचने के लिए नौका ही एकमात्र साधन बन गई है, ऐसे में कपूरथला की एक कंपनी राज्य में राहत कार्यों में मदद के लिए नौका बना रही है और उनकी आपूर्ति कर रही है। पंजाब 1988 के बाद से सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रहा है।

प्रीतपाल सिंह हंसपाल की कंपनी ‘हंसपाल ट्रेडर्स' वैसे तो ‘रेल कोच फैक्टरी' के लिए रेलवे कोच के पुर्जे बनाती है लेकिन इन दिनों वह नौका बना रही है। हंसपाल ने कहा कि वह बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत और बचाव कार्यों के लिए जरूरतमंदों को नौका देकर ‘‘सेवा'' कर रहे हैं।

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हंसपाल ने को बताया, ‘‘हमने सिर्फ एक हफ्ते में अब तक 50 नौका दी हैं।'' हंसपाल ने बताया कि बाढ़ प्रभावित गांवों में जलस्तर बढ़ने के कारण उन्हें नौका के लिए कई फोन आ रहे हैं। हंसपाल ने कहा कि उन्होंने एक नौका का डिजाइन और ड्राइंग भी सार्वजनिक कर दिया है, ताकि कुछ छोटी फैक्टरियां या लोहे के गेट ग्रिल बनाने वाली फैक्टरियां भी आसानी से नौका बना सकें।

उन्होंने कहा कि एक छोटी नौका में आठ से 10 लोग बैठ सकते हैं। हंसपाल ने कहा, ‘‘हम एक बड़ी नौका भी बना रहे हैं जिसे ‘बेरा' कहा जाता है और इसकी क्षमता 20 टन होगी। यह किसानों और उनके पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में मददगार होगी।''

उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी ने 2023 में पंजाब में आई बाढ़ के दौरान भी नौका बनाई थी। हंसपाल ने कहा कि बाढ़ के कारण 60 प्रतिशत कर्मचारियों के छुट्टी पर होने के बावजूद उनकी कंपनी नौका का निर्माण कर रही है। पंजाब वर्तमान में दशकों में आई सबसे भीषण बाढ़ आपदाओं में से एक का सामना कर रहा है। यह बाढ़ सतलुज, व्यास और रावी नदियों के उफान के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में उनके जलग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा के कारण बरसाती छोटी नदियों में आई बाढ़ का परिणाम है।

पंजाब में अतिरिक्त भारी बारिश ने बाढ़ की स्थिति को और गंभीर बना दिया है, जिससे निवासियों के सामने चुनौतियां और बढ़ गई हैं। अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ से अब तक 37 लोगों की जान चली गई है और 3.55 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। बाढ़ में 1.75 लाख हेक्टेयर से ज्यादा जमीन पर लगी फसलें बर्बाद हो गई हैं। बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित गांव गुरदासपुर, पठानकोट, फाजिल्का, कपूरथला, तरनतारन, फिरोजपुर, होशियारपुर और अमृतसर जिलों में हैं।

उफनती नदियों के कारण कई इलाके और खेत आठ से 10 फुट गहरे तालाब में तब्दील हो गए हैं। बाढ़ग्रस्त गांवों तक राहत सामग्री पहुंचाने और प्रभावित लोगों को बचाने के लिए नौका का ही इस्तेमाल किया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), सेना, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), पंजाब पुलिस और जिला अधिकारियों द्वारा प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव अभियान जारी है। राज्य के अधिकारियों, एनडीआरएफ, सेना, कई सिख संगठनों और गैर सरकारी संगठनों ने बचाव और राहत अभियान चलाने के लिए अपनी नौका तैनात की हैं।

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