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Punjab flood: बाढ़ का कहर, लुधियाना में अलर्ट, मौत का आंकड़ा 43 पहुंचा, 1.7 लाख हेक्टेयर फसलें तबाह

Punjab flood: प्रशासन ने निचले और एक मंजिला मकानों में रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर रहने को कहा
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Punjab flood: पंजाब में बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्य तेजी से जारी हैं, जहां राज्य और केंद्र की एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं। हजारों परिवार विस्थापन और तबाही का सामना कर रहे हैं, लेकिन पंजाब की हिम्मत और एकजुटता इस आपदा में भी अडिग खड़ी है।

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लुधियाना जिला प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी किया है। जिले के पूर्वी हिस्से में सतलुज नदी का पानी तेज़ी से बहने के कारण बांध पर भारी दबाव बना हुआ है। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि यदि बांध और कमजोर हुआ तो कई गांव डूब सकते हैं।

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खतरे वाले गांवों में ससराली, बूँट, रावत, हवास, सीरा, बूथगढ़, मंगली टांडा, ढेरी, ख्वाजके, खस्सी खुर्द, मंगली कादर, मटेवाड़ा, मंगट और मेहरबान शामिल हैं।

प्रशासन ने निचले और एक मंजिला मकानों में रहने वालों को ऊपरी मंजिलों पर जाने या सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी रूप से शरण लेने की सलाह दी है। राहत केंद्र सत्संग घरों (राहों रोड, चंडीगढ़ रोड और टिब्बा रोड) पर बनाए गए हैं। इसके अलावा कैलाश नगर, खस्सी कलां, भूखरी, मटेवाड़ा के स्कूलों और मंडियों में भी शरण स्थलों की व्यवस्था की गई है।

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प्रशासन की अपील

  • जरूरी दस्तावेज़ वाटरप्रूफ बैग में रखें।
  • बुजुर्गों, बच्चों और बीमारों को प्राथमिकता से सुरक्षित स्थान पर ले जाएं।
  • सतर्क रहें और बचाव दल का सहयोग करें।

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हेल्पलाइन नंबर

  • बाढ़ नियंत्रण कक्ष: 0161-2433 100
  • आपातकालीन हेल्पलाइन: 112

पंजाब में तबाही का हाल

  • सतलुज, ब्यास और रावी नदियों के उफान और हिमाचल प्रदेश व जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के चलते पंजाब दशकों की सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रहा है
  • 23 जिलों के 1,902 गांव प्रभावित।
  • 3.84 लाख लोग प्रभावित।
  • 20,972 लोगों को सुरक्षित निकाला गया।
  • 1.71 लाख हेक्टेयर फसलें बर्बाद।
  • मौत का आंकड़ा 43 तक पहुंचा।

सबसे ज्यादा मौतें

  • होशियारपुर: 7
  • पठानकोट: 6
  • बठिंडा और लुधियाना: 4-4
  • बरनाला और अमृतसर: 5-5
  • पठानकोट में 3 लोग अब भी लापता।

जरूरतमंदों को तुरंत समाधान उपलब्ध कराया जाएगा

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हर बाढ़ प्रभावित गांव में गजटेड अफसरों की तैनाती की है ताकि सीधे तालमेल के साथ राहत कार्य हो सके। उन्होंने कहा कि ज़रूरतमंदों को तुरंत समाधान उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही, फसलों, संपत्तियों और ढांचागत नुकसान का आकलन करने के लिए विशेष गिर्दावरी के आदेश दिए गए हैं।

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