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Punjab: ड्रग लॉर्ड रणजीत सिंह का निधन, खेल से रियल एस्टेट और फिर ड्रग्स तस्करी से जुड़ा नाम

Punjab News: दोआबा और माझा क्षेत्र में 70 से 80 कॉलोनियां विकसित कीं
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जालंधर, 17 मार्च (ट्रिन्यू)

Punjab News: कपूरथला के काला संघियां गांव के रहने वाले और कभी अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी रहे रणजीत सिंह उर्फ जीता मोड का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उन्हें बीती रात दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद उन्हें जालंधर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। वह पिछले कुछ महीनों से अस्वस्थ थे और पैरों में सूजन के कारण चलने में भी कठिनाई हो रही थी।

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रणजीत सिंह ने कबड्डी खिलाड़ी से लेकर रियल एस्टेट व्यवसायी तक का सफर तय किया। उन्होंने दोआबा और माझा क्षेत्र में 70 से 80 कॉलोनियां विकसित कीं। उनका शानदार जीवनशैली और महंगी गाड़ियों का काफिला उनकी पहचान बन गया था, जिससे उनके संपर्क बड़े नेताओं और पुलिस अधिकारियों तक पहुंचे।

रणजीत सिंह ने 2010 में अपना व्यापारिक साम्राज्य खड़ा किया, लेकिन 2018 में उनके बिजनेस पार्टनर चरन सिंह से अलग होने के बाद उन पर कई कानूनी विवाद खड़े हो गए। वर्तमान में उनके खिलाफ 30 से अधिक नागरिक और आपराधिक मामले दर्ज थे।

ड्रग केस और प्रवर्तन निदेशालय की जांच

फरवरी 2022 में, स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने उन्हें एक ड्रग मामले में गिरफ्तार किया और 12 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। यह मामला प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate - ED) की जांच के दायरे में भी आ गया। कपूरथला के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत ने इस केस से जुड़े कई बड़े नामों को तलब किया था, जिसमें पूर्व मंत्री व शिअद के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की पत्नी गनीव मजीठिया का नाम भी शामिल था। गनीव वर्तमान में शिअद की विधायक हैं।

कबड्डी करियर और विदेश में संपत्तियां

रणजीत ने स्कूल के दिनों में ही लंदन का रुख किया था। वहां उनके ताया महिंदर सिंह मौर, जो एक कबड्डी प्रमोटर थे, ने उन्हें इस खेल में प्रशिक्षित किया। 1990 के दशक के अंत में वह कबड्डी के बड़े सितारे बन गए थे, और उनके मैचों के वीडियो आज भी यूट्यूब पर लोकप्रिय हैं।

उनकी पत्नी और चार बेटे लंदन में बसे हुए हैं। वहीं, भारत में उन्होंने Great Green Build India Pvt Ltd, GGB Royal Developers Pvt Ltd, RBR Real Estate Developers Pvt Ltd और KBC Transport Pvt Ltd नाम से चार कंपनियां स्थापित कीं। उनकी संपत्तियां सुल्तानपुर लोधी, नकोदर, लोहियां, बंगा, मुकेरियां, पट्टी, तरनतारन, बटाला और पठानकोट तक फैली हुई हैं।

राजनीति और पुलिस से जुड़े विवाद

रणजीत मौर के निवेशकों की सूची में कम से कम आठ आईपीएस और पीपीएस अधिकारियों के नाम होने की चर्चा थी। एक पूर्व कांग्रेस विधायक पर आरोप था कि मौर ने उन्हें 15 करोड़ रुपये का घर गिफ्ट किया और उनके बेटे को एक लग्जरी कार दी, जिससे उन्हें व्यापारिक लाभ मिल सके।

उन पर 53 NRI खातों के माध्यम से करोड़ों रुपये की हेराफेरी का भी आरोप था। हालांकि, उन्होंने इन सभी आरोपों को अपनी छवि धूमिल करने की साजिश करार दिया था। उनका कहना था, "मैं 1988 से यूके में काम कर रहा हूं। मेरे ताया जी 1950 के दशक से वहां थे और उनके पास 25 ट्रक थे। हमने 90 घर, 35 दुकानें खरीदीं और लंदन में फर्नीचर और प्रॉपर्टी व्यवसाय चलाया। यह मेहनत की कमाई है, न कि अवैध संपत्ति।"

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