CM मान का बाढ़ पीड़ितों के लिए बड़ा ऐलान, फसल नुकसान पर 18,800 व डीसिल्टिंग के लिए 7,200 रुपये प्रति एकड़ मिलेगा मुआवजा
Punjab Flood Relief: पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र शुक्रवार को पुनर्वास और बाढ़ राहत पैकेज को लेकर बहस के साथ फिर से शुरू हुआ। सदन में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों के लिए राहत पैकेज का बड़ा ऐलान किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ के कारण नष्ट हुई फसलों का किसानों को प्रति एकड़ 18,800 रुपये मुआवज़ा दिया जाएगा। वहीं, डीसिल्टिंग के लिए किसानों को प्रति एकड़ 7,200 रुपये की राशि मिलेगी। सरकार 15 अक्टूबर से किसानों और जनता को बाढ़ राहत मुआवजा वितरित करना शुरू कर देगी। उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए यह भी आरोप लगाया कि केंद्र ने पंजाब को यूनियन टेरिटरी (यूटी) बनाने की कोशिश की।
इससे पहले गृह मंत्री अमन अरोड़ा ने सदन में कहा कि पंजाब में नदियों की डी-सल्टिंग न होने की जिम्मेदारी पिछली कांग्रेस सरकार की है। उन्होंने बताया कि व्यास नदी को केंद्र सरकार ने कंज़र्वेशन साइट घोषित किया, जिससे नदी से मिट्टी निकालने पर रोक लगी। पूर्व कांग्रेस सरकार ने इसका कोई ध्यान नहीं रखा। अरोड़ा ने राज्य डिजास्टर रिस्पांस फंड के नियमों में संशोधन की मांग केंद्र से की और कैग रिपोर्ट के हवाले से विपक्षी दलों पर निशाना साधा।
इस दौरान वित्त मंत्री हरपाल चीमा और विपक्षी नेता प्रताप सिंह बाजवा के बीच भी तीखी नोक-झोंक हुई। चीमा ने आरोप लगाया कि बाजवा ने धुसी बांध के अंदर जमीन खरीदी ताकि रेत बेची जा सके। उन्होंने कहा कि बाजवा की जमीन को बाढ़ से बचाने के लिए कांग्रेस सरकार ने खजाने से करोड़ों रुपये खर्च किए। बाजवा ने इसका जवाब देते हुए सदन में हंगामा उत्पन्न कर दिया।
हंगामे के कारण विधानसभा की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। इसके बाद सदन में बहस फिर से शुरू हुई, जिसमें केंद्र से अधिक राहत पैकेज की मांग और राज्य में बाढ़ से निपटने के उपायों पर चर्चा जारी रही।
सत्र के दौरान सदन के सभी सदस्य एकजुट होकर केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की गई, जबकि राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप और हंगामे के बीच राहत पैकेज पर निर्णय की प्रक्रिया प्रभावित हुई।