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Punjab Disaster बारिश ने बढ़ाई फिर मुसीबत: पंजाब में बाढ़ का कहर गहराया, दिल्ली में यमुना उफान पर

हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में हुई नयी बारिश ने पंजाब में बाढ़ संकट को और गहरा कर दिया है। मंगलवार को हुई मूसलाधार बारिश ने कई जिलों में पहले से ही बिगड़े हालात को और गंभीर बना दिया, जिससे आम...
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भारी बारिश के बाद हिमाचल प्रदेश के कुल्लू ज़िले में उफनती ब्यास नदी पर बने पुल से गुजरते लोग। -फाइल फोटो
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हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में हुई नयी बारिश ने पंजाब में बाढ़ संकट को और गहरा कर दिया है। मंगलवार को हुई मूसलाधार बारिश ने कई जिलों में पहले से ही बिगड़े हालात को और गंभीर बना दिया, जिससे आम जनजीवन ठप हो गया है।

सतलुज, ब्यास और रावी समेत कई नदियां और मौसमी नाले उफान पर हैं। हिमाचल और जम्मू-कश्मीर के कैचमेंट क्षेत्रों में तेज बारिश के कारण पंजाब के पठानकोट, गुरदासपुर, फाजिल्का, कपूरथला, तरनतारन, फिरोजपुर, होशियारपुर और अमृतसर जैसे जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। दर्जनों गांव जलमग्न हो चुके हैं और लोग सुरक्षित ठिकानों की तलाश में हैं।

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लुधियाना में प्रशासन ने सतलुज नदी से बैकफ्लो के चलते भट्टीआं सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के प्रभावित होने पर बहादुर के रोड, ताजपुर रोड और मोटी नगर सहित औद्योगिक क्षेत्रों की सभी डाईंग यूनिट्स अस्थायी रूप से बंद कर दी हैं। सीवर लाइनें उफान पर होने से निचले इलाकों में जलभराव का खतरा मंडरा रहा है।

कपूरथला के सुल्तानपुर लोधी में लगातार हो रही बारिश से हालात बिगड़ गए हैं। ब्यास नदी का बढ़ता जलस्तर अब 50,000 एकड़ से अधिक धान की फसलों को डुबो रहा है और धुस्सी बांधों पर दबाव बढ़ा रहा है। फगवाड़ा में तेज बारिश से कई इलाकों में पानी भर गया। गौशाला रोड पर दुकानों में घुसा पानी व्यापारियों के लिए भारी नुकसान लेकर आया।

फिरोजपुर जिले में उफनती सतलुज ने 112 गांवों के लगभग 28,000 लोगों को प्रभावित किया है। राहत और बचाव कार्यों में एनडीआरएफ, भारतीय सेना, बीएसएफ, पंजाब पुलिस और स्थानीय प्रशासन लगातार जुटे हुए हैं।

प्रशासन ने लोगों को अलर्ट रहने की हिदायत दी है। अधिकारियों ने अनावश्यक यात्रा से बचने, छतों पर पानी रुकने न देने और जर्जर इमारतों की सूचना तुरंत देने की अपील की है, ताकि किसी भी तरह की जनहानि से बचा जा सके।

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