भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार पंजाब के DIG हरचरण सिंह भुल्लर CBI कोर्ट में पेश
DIG हरचरण सिंह भुल्लर के घर से बरामद हुई करोड़ों की नकदी व जेवर
DIG Harcharan Singh Bhullar: पंजाब पुलिस के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (डीआईजी) हरचरण सिंह भुल्लर को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने कथित भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किया है। शुक्रवार को उन्हें मेडिकल जांच के बाद चंडीगढ़ स्थित सीबीआई अदालत में पेश किया गया।
सीबीआई ने गुरुवार को चंडीगढ़ के सेक्टर-40 स्थित भुल्लर के आवास पर छापेमारी की, जिसमें करीब 5 करोड़ रुपये नकद और 1.5 किलोग्राम सोना बरामद किया गया। इसके अलावा, टीम को बीएमडब्ल्यू और ऑडी कारों की चाबियां, पंजाब में कई संपत्तियों के दस्तावेज, समराला स्थित फार्महाउस, 22 लग्जरी घड़ियां, 40 लीटर विदेशी शराब, एक डबल बैरल गन, पिस्टल, रिवॉल्वर, एयरगन और बड़ी मात्रा में कारतूस भी मिले।
सीबीआई ने डीआईजी भुल्लर को उनके मोहाली स्थित दफ्तर से गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी मंडी गोबिंदगढ़ के कबाड़ कारोबारी नरेश बत्ता की शिकायत पर हुई, जिसने आरोप लगाया कि भुल्लर ने एक एफआईआर निपटाने के बदले 8 लाख रुपये रिश्वत की मांग की थी। यह रिश्वत कथित रूप से मध्यस्थ कृशानु के जरिए मांगी गई, जिसे सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है।
छापेमारी के दौरान सीबीआई को भारी मात्रा में नकदी मिलने पर कैश काउंटिंग मशीनें बुलानी पड़ीं। एजेंसी ने कृशानु के पास से भी 21 लाख रुपये नकद बरामद किए हैं। अधिकारियों के अनुसार, तलाशी अभियान अब भी जारी है।
एफआईआर के अनुसार, डीआईजी भुल्लर कारोबारी से ‘सेवा-पानी’ के नाम पर मासिक वसूली करते थे और पैसे न देने पर झूठे केस में फंसाने की धमकी देते थे। शिकायत में 11 अक्टूबर को सेक्टर-9डी मार्केट, चंडीगढ़ से कथित व्हाट्सएप कॉल की रिकॉर्डिंग भी शामिल है, जिसमें भुल्लर को यह कहते सुना गया, “8 फड़ने ने 8... चल जितना देंदे नाल-नाल फड़ी चल, ओनू कह दे 8 कर दे पूरा।”
भुल्लर 2007 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और नवंबर 2024 में रूपनगर रेंज के डीआईजी के रूप में पदस्थ किए गए थे। वह पूर्व पंजाब डीजीपी एम.एस. भुल्लर के पुत्र हैं। अपने करियर में उन्होंने पटियाला रेंज के डीआईजी, विजिलेंस ब्यूरो के संयुक्त निदेशक और कई जिलों के एसएसपी के रूप में कार्य किया है।
उन्होंने 2021 में शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ दर्ज नशा मामले की जांच करने वाली विशेष जांच टीम (SIT) का नेतृत्व किया था और राज्य सरकार की ‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ मुहिम में भी सक्रिय भूमिका निभाई थी।