नयी दिल्ली, 25 जुलाई (एजेंसी)
उच्च न्यायालयों में रिक्त पदों को भरने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के तहत चीफ जस्टिस एनवी रमण की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सोमवार को 6 उच्च न्यायालयों में जजों के रूप में 20 अधिवक्ताओं और 15 न्यायिक अधिकारियों की पदोन्नति के प्रस्ताव को मंजूरी देकर केंद्र से इसकी सिफारिश की। कॉलेजियम में न्यायाधीश उदय उमेश ललित और एएम खानविलकर भी शामिल हैं। उन्होंने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में जज के तौर पर अधिकतम 13 अधिवक्ताओं की पदोन्नति के प्रस्ताव को मंजूरी दी और इसके बाद तेलंगाना हाईकोर्ट के लिए 6 अधिवक्ताओं की पदोन्नति को मंजूरी दी गई। कॉलेजियम ने 25 जुलाई को हुई बैठक में 13 अधिवक्ताओं को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है, जिनमें निधि गुप्ता, संजय वशिष्ठ, त्रिभुवन दहिया, नमित कुमार, हरकेश मनुजा, अमन चौधरी, नरेश सिंह, हर्ष बांगड़, जगमोहन बंसल, दीपक मनचंदा, आलोक जैन, हरप्रीत सिंह बराड़ और कुलदीप तिवारी शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किए गए कॉलेजियम के प्रस्तावों के अनुसार, तेलंगाना हाईकोर्ट के लिए एनगुला वेंकट वेणुगोपाल, नागेश भीमापाका, पुला कार्तिक पी, एलमधर, काजा सरथ, जगन्नागरी श्रीनिवास राव, और नामवरपु राजेश्वर राव के नामों की सिफारिश की गई है। एक बयान में कहा गया है कि कॉलेजियम ने 25 जुलाई को महिला वकील सुमन पटनायक की भी उड़ीसा हाईकोट की जज के रूप में सिफारिश की। न्यायिक अधिकारियों में से नौ के नाम की सिफारिश कलकत्ता उच्च न्यायालय के लिये केंद्र से की गई है । इसमें बिस्वरूप चौधरी, पार्थ सारथी सेन, प्रसेनजीत विश्वास, उदय कुमार, अजय कुमार गुप्ता, सुप्रतिम भट्टाचार्य, पार्थ सारथी चटर्जी, अपूर्व सिन्हा रे, और मोहम्मद शब्बर रशीदी शामिल हैं।
कॉलेजियम ने दो महिला न्यायिक अधिकारियों-सुष्मिता फुकन खौंद और मिताली ठाकुरिया को गौहाटी उच्च न्यायालय में न्यायाधीश बनाये जाने की सिफारिश की है। कॉलेजियम के सात प्रस्तावों में से एक में कहा गया है, ‘उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने 25 जुलाई 2022 को हुई अपनी बैठक में उड़ीसा उच्च न्यायालय में जिन न्यायिक अधिकारियों को न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है उनमें गौरीशंकर सतपथी और चित्त रंजन दास का नाम शामिल हैं।” प्रस्ताव में कहा गया है कि कॉलेजियम ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में दो न्यायिक अधिकारियों सुशील कुकरेजा और वीरेंद्र सिंह के नामों की भी सिफारिश की है। हाल ही में 20 जुलाई को, सीजेआई के नेतृत्व वाले कॉलेजियम ने विभिन्न उच्च न्यायालयों में 21 न्यायिक अधिकारियों को न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।