विरोध के बाद पीयू सीनेट-सिंडिकेट के बदलाव निरस्त
केंद्रीय मंत्री बिट्टू ने मांगी माफी, नोटिफिकेशन रद्द
चंडीगढ़ स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी में लगातार बढ़ते विरोध के बाद एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में शुक्रवार को केंद्र सरकार ने अपने 4 नवंबर के उस नोटिफिकेशन को निरस्त कर दिया, जिसमें सीनेट-सिंडिकेट में प्रशासनिक सुधारों के तहत सीनेटरों की संख्या 91 से 31 करने और सिंडिकेट के लिये चुने जाने वाले सदस्यों के मनोनीत करने का प्रावधान किया था। केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने फेसबुक पर डाले तीन मिनट के वीडियो में माफी मांगते हुए इसका ऐलान किया और कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह कभी ऐसा नहीं चाहते कि पंजाब के साथ किसी तरह की जबरदस्ती हो।
ग्रेजुएट कांस्टीट्यूएंसी को पूरी तरह से उड़ा देने पर पंजाब और पंजाब से बाहर बैठे पंजाबियों ने भारी विरोध जताया, जिसमें कुछ कट्टरपंथी ताकतें भी जुड़ गयी थीं। बताया जाता है कि देश के अंदर और बाहर हो रहे विरोध को देखते हुए केंद्र ने फैसला वापस ले लिया। आॅस्ट्रेलिया, कनाडा, अमेरिका में बैठे कई गरम ख्याली संगठनों ने धमकियां दे डाली। छात्रों के पास फंड और गुरुद्वारों से हर साजोसामान पहुंचना शुरू हो गया था। खुफिया सूचनाओं और पीयू की ओर से ताजा घटनाक्रम के बारे में भी केंद्र को अवगत करा दिया गया, जिसके बाद केंद्र को यह कदम उठाने के लिए विवश होना पड़ा।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि छात्रों की मांगें मान ली गयी हैं, सीनेट में अब कोई बदलाव नहीं होगा। मंत्रालय ने कहा कि दो मार्च 2021 को बनी उच्च स्तरीय कमेटी का गठन चांसलर की ओर से किया गया था और सभी हितधारकों से सलाह के बाद केद्र सरकार ने पंजाब पुनर्गठन एक्ट 1966 की धारा 72 के तहत उपधारा (2) और (3) में दी गयी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए सीनेट-सिंडिकेट का संविधान और कम्पोजीशन संशोधित कर अधिसूचना जारी की थी। इस पर पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्रों, टीचर्स, पूर्व कुलपतियों और मौजूदा कुलपति से फीडबैक मिला। शिक्षा मंत्रालय ने छात्र संगठनों से बैठक में मिले इनपुट पर भी विचार किया। अब मंत्रालय ने इस सबको ध्यान में रखते हुए सीनेट व सिंडिकेट में किये गये संशोधनों को फिलहाल निरस्त कर दिया है।
इस बीच, कैंपस में कुलपति कार्यालय के सामने पीयू बचाओ मोर्चा के बैनर तले टेंट लगाये बैठे छात्रों ने अभी इसे आंशिक जीत बताया और कहा कि उनकी लड़ाई सीनेट चुनाव की डेट जारी कराने तक जारी रहेगी। एसएफएस नेता संदीप सिंह ने बताया कि 10 नवंबर का पीयू बंद का आह्वान वापस नहीं लिया जाएगा। पीयू कैंपस में छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने पूरे पंजाब से लोग आ रहे हैं। यहां दिनभर कलाकारों, नेताओं और किसानों का जमावड़ा लगा रहा। दूसरी ओर मोर्चे से छात्र लगभग
गायब हैं।

