नयी दिल्ली/श्रीनगर, 23 अप्रैल (एजेंसी)
आतंकवाद के िखलाफ बुधवार को देश्ाभर में प्रदर्शन हुए। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने पहलगाम हमले को लेकर बुधवार को देशवासियों से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोग इस घटना से व्यथित हैं और दुख की इस घड़ी में उन परिवारों के साथ हैं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। महबूबा के नेतृत्व में पीडीपी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने श्रीनगर में शेर-ए-कश्मीर पार्क के पास पार्टी मुख्यालय से लाल चौक तक विरोध मार्च निकाला। मीडिया से बातचीत में महबूबा ने कहा, ‘यह हमला सिर्फ मासूम पर्यटकों पर नहीं, बल्कि कश्मीरियत पर भी था। मैं देशवासियों से कहना चाहती हूं कि हम शर्मिंदा हैं। कश्मीरियों का दिल दुखी है और हम दुख की इस घड़ी में आपके साथ खड़े हैं। हम सरकार से मांग करते हैं कि दोषियों को जल्द से जल्द सजा दी जाए।’
जम्मू-कश्मीर में सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस के सदस्यों ने भी पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में मार्च निकाला। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के सलाहकार नासिर असलम वानी सहित पार्टी के विधायक, नेता और कार्यकर्ता इसमें शामिल हुए।
रामबन में पहली बार मुस्लिमों और हिंदूओं का साझा प्रदर्शन
विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन की कई घटनाओं से प्रभावित होने के बावजूद जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले के निवासियों ने पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए बुधवार को पूर्ण बंद रखा और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे बसे इस कस्बे के इतिहास में संभवतः पहली बार मुस्लिम और हिंदू समुदायों द्वारा संयुक्त रूप से विरोध प्रदर्शन किया गया, जिसका नेतृत्व इस्लामी विद्वानों ने किया। उन्होंने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की मांग की। बौली बाजार की जामिया मस्जिद के इमाम गुल मोहम्मद फारूकी ने कहा, ‘हम पहले से ही कुदरत की मार से जूझ रहे हैं और अब इस मूर्खतापूर्ण हमले ने हमारे घाव को और गहरा कर दिया है। हम इस कृत्य की निंदा करते हैं, जो इस्लाम की शिक्षाओं के खिलाफ है।’
इमाम संगठनों ने कहा- जुमे की नमाज के दौरान आतंकवाद के खिलाफ देंगे सख्त संदेश
मुस्लिम संगठन ‘ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन’ के प्रमुख इमाम उमेर अहमद इल्यासी ने बुधवार को कहा कि देश की साढ़े पांच लाख से अधिक मस्जिदों के इमाम आगामी शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों के लिए दुआ करने के साथ आतंकवाद के खिलाफ सख्त संदेश देंगे। उनका कहना था, ‘हमने यह भी फैसला किया है कि किसी आतंकवादी के मारे जाने पर उसके जनाजे की नमाज कोई भी इमाम नहीं पढ़ाएगा।’