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RG Kar Hospital: आरजी कर अस्पताल के आस-पास लागू निषेधाज्ञा बढ़ी, जूनियर डॉक्टरों का प्रदर्शन जारी

कोलकाता, 14 सितंबर (भाषा) RG Kar Hospital: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के आसपास लागू निषेधाज्ञा की अवधि 30 सितंबर तक बढ़ा दी गई है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। निषेधाज्ञा पहली बार 18 अगस्त को...
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कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल। पीटीआई फाइल फोटो
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कोलकाता, 14 सितंबर (भाषा)

RG Kar Hospital: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के आसपास लागू निषेधाज्ञा की अवधि 30 सितंबर तक बढ़ा दी गई है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। निषेधाज्ञा पहली बार 18 अगस्त को लागू की गई थी। वहीं, राज्य में जूनियर डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन जारी है।

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इन आदेशों के तहत निर्दिष्ट क्षेत्र में पांच से अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध है। अस्पताल में एक महिला चिकित्सक से कथित बलात्कार और उसकी हत्या की घटना के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों के बीच ये प्रतिबंध लागू किए गए हैं। एक अधिसूचना में कहा गया है कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 (2) के तहत जारी निषेधाज्ञा आरजी कर अस्पताल की ओर जाने वाली सड़कों के अलावा श्यामबाजार में भी लागू रहेगी।

इसमें कहा गया है, 'लाठियां, खतरनाक एवं घातक हथियार ले जाना प्रतिबंधित है और शांति एवं सौहार्द को भंग करने का कोई भी प्रयास किए जाने पर बीएनएस की धारा 223 के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है।'' उच्चतम न्यायालय ने अस्पताल की सुरक्षा का जिम्मा केंद्रीय रिजर्व सुरक्षा बल को सौंपा है।

जूनियर डॉक्टरों का स्वास्थ्य विभाग कार्यालय के बाहर प्रदर्शन

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल मामले के विरोध में यहां साल्ट लेक में राज्य स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय के बाहर जूनियर डॉक्टरों का धरना प्रदर्शन मूसलाधार बारिश के बावजूद शनिवार को लगातार पांचवें दिन भी जारी रखा। अस्पताल में एक महिला प्रशिक्षु डॉक्टर से कथित बलात्कार और उसकी हत्या के मामले में न्याय की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टर प्रदर्शन कर रहे हैं।

डॉक्टरों ने कहा कि वे गतिरोध को हल करने के लिए सक्षम प्राधिकारियों के साथ बातचीत करने के इच्छुक हैं। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों में शामिल अनिकेत महतो ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, 'अभया (पीड़िता का काल्पनिक नाम) को जब तक न्याय नहीं मिल जाता और हमारी अन्य मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक बारिश, गर्मी, भूकंप भी हमारे प्रदर्शन को रोक नहीं पाएंगे। हम यहां एक नेक उद्देश्य के लिए आए हैं और कोई भी ताकत हमें इसे पाने से नहीं रोक पाएगी।'

एक अन्य प्रदर्शनकारी डॉक्टर सौम्या चक्रवर्ती ने कहा, 'लेकिन अगर कोई सोचता है कि हम अड़ियल एवं जिद्दी हैं तो यह बिल्कुल गलत बात है, उनके दिमाग में जरूर कुछ चल रहा है। हम डॉक्टर हैं, नेता नहीं। यहां कोई राजनीति नहीं है। यह स्वास्थ्य व्यवस्था को साफ करने की सिर्फ एक मांग है।'

बंगाल की खाड़ी पर बने कम दबाव के कारण शुक्रवार दोपहर से पश्चिम बंगाल में लगातार बारिश हो रही है। जूनियर डॉक्टरों ने नौ अगस्त की शाम से काम बंद कर रखा है और वे कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल, स्वास्थ्य सचिव एन एस निगम, स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक और चिकित्सा शिक्षा निदेशक को आरजी कर घटना के संदर्भ में अपने कर्तव्यों के निर्वहन में 'विफल' रहने के लिए निलंबित किए जाने की मांग कर रहे हैं। वे राज्य में सभी महिला स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठाए जाने की भी मांग कर रहे हैं।

उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा को भी पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप कर जांच में तेजी लाने की मांग की है। परास्नातक महिला डॉक्टर का शव नौ अगस्त को आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सेमिनार हॉल से बरामद किया गया था। इस घटना के अगले दिन कोलकाता पुलिस के एक नागरिक स्वयंसेवक को गिरफ्तार किया गया था। कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इस मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी।

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