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Professor Mahmoodabad case: सुप्रीम कोर्ट ने प्रोफेसर महमूदाबाद के खिलाफ मामले में SIT की जांच की दिशा पर सवाल उठाए

Professor Mahmoodabad case: हरियाणा पुलिस ने 18 मई को किया गिरफ्तार

Professor Mahmoodabad case: सुप्रीम कोर्ट ने ‘ऑपरेशन सिंदूर' पर सोशल मीडिया पोस्ट करने के आरोप में अशोका यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर के खिलाफ दर्ज मामले में बुधवार को हरियाणा SIT की जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि ‘‘यह गलत दिशा में जा रही है''।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की अगुवाई वाले हरियाणा के विशेष जांच दल (SIT) से कहा कि वह अली खान महमूदाबाद के खिलाफ उनके विवादास्पद सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर दर्ज दो प्राथमिकियों तक ही सीमित रहे और यह देखे कि क्या कोई अपराध हुआ है और चार हफ्तों में अपनी रिपोर्ट पेश करे। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा, ‘‘हम पूछते हैं कि SIT खुद को गलत दिशा में क्यों ले जा रही है। उनसे पोस्ट की विषयवस्तु की जांच करने की अपेक्षा की जाती है।''

पीठ ने कहा कि SIT के लिए महमूदाबाद के मोबाइल फोन सहित इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जांच के वास्ते जब्त करने का कोई कारण नहीं था। अदालत ने कहा कि चूंकि महमूदाबाद जांच में सहयोग कर रहे थे, इसलिए उन्हें दोबारा तलब करने की कोई जरूरत नहीं थी। शीर्ष अदालत ने 21 मई को प्रोफेसर की जमानत की शर्तों में भी ढील दी और उन्हें अदालत में विचाराधीन मामले को छोड़कर, पोस्ट, लेख लिखने और कोई भी राय व्यक्त करने की अनुमति दी थी।

न्यायालय ने 28 मई को कहा कि प्रोफेसर के बोलने और अभिव्यक्ति के अधिकार में कोई अवरोध नहीं आया। हालांकि न्यायालय ने उनके खिलाफ मामलों को लेकर उनके कुछ भी ऑनलाइन साझा करने पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 21 मई को अंतरिम जमानत दी, लेकिन उनके खिलाफ जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। उसने तीन सदस्यीय SIT को महमूदाबाद के खिलाफ प्राथमिकियों की पड़ताल करने का निर्देश दिया।

हरियाणा पुलिस ने ‘ऑपरेशन सिंदूर' पर महमूदाबाद के पोस्ट को लेकर प्राथमिकी दर्ज होने के बाद उन्हें 18 मई को गिरफ्तार किया था। आरोप था कि उनके पोस्ट ने देश की संप्रभुता और अखंडता को खतरे में डाला। सोनीपत जिले में राई पुलिस ने दो प्राथमिकी दर्ज की थीं। एक प्राथमिकी हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया की शिकायत के आधार पर और दूसरी प्राथमिकी एक ग्राम सरपंच की शिकायत पर दर्ज की गई थी।

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