Priyadarshini Mattoo Case दोषी संतोष कुमार सिंह की समयपूर्व रिहाई की राह खुली, हाईकोर्ट ने एसआरबी का फैसला रद्द किया
नयी दिल्ली, 1 जुलाई (भाषा)
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को प्रियदर्शिनी मट्टू दुष्कर्म और हत्या मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे संतोष कुमार सिंह की समयपूर्व रिहाई की अर्जी खारिज करने के सजा समीक्षा बोर्ड (SRB) के फैसले को रद्द कर दिया। अदालत ने मामले को दोबारा विचार के लिए बोर्ड के पास भेज दिया है।
जस्टिस संजीव नरुला ने कहा कि दोषी में सुधार की गुंजाइश है और एसआरबी ने मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन जैसे जरूरी पहलुओं की उपेक्षा की। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि भविष्य में इस तरह की याचिकाओं पर विचार करते समय बोर्ड को कैदियों के मानसिक और सामाजिक व्यवहार की गहन समीक्षा करनी चाहिए।
दोषी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर ने दलील दी कि सिंह 25 साल की सजा पूरी कर चुका है, उसका आचरण संतोषजनक रहा है, और वह पिछले कुछ वर्षों से खुली जेल में है। उन्होंने यह भी कहा कि दोषी अब समाज के लिए एक उपयोगी नागरिक बन सकता है।
बता दें कि जनवरी 1996 में दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा प्रियदर्शिनी मट्टू के साथ बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी गई थी। निचली अदालत ने 1999 में सिंह को बरी कर दिया था, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने 2006 में उसे दोषी ठहराकर मौत की सजा सुनाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 2010 में सजा को उम्रकैद में बदल दिया।