नयी दिल्ली, 17 जुलाई (एजेंसी)
देश के 15वें राष्ट्रपति के चुनाव के लिए सोमवार को करीब 4,800 निर्वाचित सांसद एवं विधायक मतदान करेंगे। इस चुनाव में राजग की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की स्थिति विपक्ष के यशवंत सिन्हा की तुलना में स्पष्ट रूप से मजबूत है। मतदान संसद भवन और राज्य विधानसभाओं के भवनों में होगा। मतगणना 21 जुलाई को होगी और अगले राष्ट्रपति द्वारा 25 जुलाई को शपथ ग्रहण की जाएगी।
बीजद, वाईएसआर कांग्रेस, बसपा, अन्नाद्रमुक, जनता दल (सेक्लुयर), तेदेपा, शिअद, शिवसेना और झामुमो जैसे क्षेत्रीय दलों के समर्थन के साथ राष्ट्रपति पद के लिए राजग की उम्मीदवार मुर्मू की वोट हिस्सेदारी करीब दो-तिहाई पहुंच सकती है और वह इस शीर्ष संवैधानिक पद पर पहुंचने वाली पहली आदिवासी महिला बन सकती हैं। राजग की उम्मीदवार के पास अब कुल 10,86,431 मतों में से 6.67 लाख से अधिक वोट हैं। मुर्मू की वोट हिस्सेदारी 61 प्रतिशत से ज्यादा हो सकती है। आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के माध्यम से राष्ट्रपति का चुनाव करने वाले निर्वाचक मंडल में निर्वाचित सांसद और राज्य विधानसभाओं के सदस्य शामिल होते हैं। मनोनीत सांसद एवं विधायक और विधान परिषद के सदस्य मतदान के हकदार नहीं हैं।
एक सांसद के मत का मूल्य 700
संसद के एक सदस्य का मत मूल्य 708 से घटकर 700 हो गया है क्योंकि जम्मू-कश्मीर में अभी कोई विधानसभा नहीं है। विभिन्न राज्यों में विधायकों का मत मूल्य अलग-अलग होता है। उत्तर प्रदेश के 403 विधायकों में से प्रत्येक का मत मूल्य 208 है। तमिलनाडु और झारखंड के प्रत्येक विधायक का मत मूल्य 176 है। महाराष्ट्र का 175, बिहार का 173 और आंध्र प्रदेश का 159 है। छोटे राज्यों में सिक्किम के प्रत्येक विधायक का मत मूल्य सात है। इसके बाद अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम का मत मूल्य आठ-आठ, नगालैंड का नौ, मेघालय का 17, मणिपुर का 18 और गोवा का मत मूल्य 20 है।
इसलिए ईवीएम का नहीं होता इस्तेमाल
राष्ट्रपति चुनाव में आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से, प्रत्येक निर्वाचक उतनी ही वरीयताएं अंकित कर सकता है, जितने उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। उम्मीदवारों के लिए ये वरीयताएं निर्वाचक द्वारा मत पत्र के कॉलम दो में दिए गए स्थान पर उम्मीदवारों के नाम के सामने वरीयता क्रम में, अंक 1, 2, 3, 4, 5 और इसी तरह रखकर चिह्नित की जाती हैं। यही कारण है कि राष्ट्रपति पद के चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) का उपयोग नहीं किया जाता। मतदान के लिए सांसदों को हरे एवं विधायकों को गुलाबी रंग के मतपत्र मिलेंगे। साथ ही बैंगनी स्याही वाली एक खास तरह की कलम उपलब्ध कराई जाएगी।
उपराष्ट्रपति : मार्गरेट अल्वा विपक्ष की उम्मीदवार
विपक्षी दलों ने उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए राजस्थान की पूर्व राज्यपाल मार्गरेट अल्वा को उम्मीदवार बनाया है। अल्वा (80) नामांकन पत्र दाखिल करने के अंतिम दिन 19 जुलाई पर्चा भरेंगी। चुनाव 6 अगस्त को होगा। गौर हो कि सत्तारूढ़ राजग ने उपराष्ट्रपति पद के लिए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को उम्मीदवार बनाया है। अल्वा को मैदान में उतारने का फैसला राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के आवास पर 17 विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक में लिया गया। पवार ने दो घंटे की बैठक के बाद घोषणा की, ‘हमने सर्वसम्मति से मार्गरेट अल्वा को उपराष्ट्रपति पद के लिए मैदान में उतारने का फैसला किया है।’ पवार ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस तथा आम आदमी पार्टी के समर्थन से वह कुल 19 पार्टियों की संयुक्त उम्मीदवार होंगी। बैठक में कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे और जयराम रमेश, माकपा के सीताराम येचुरी, भाकपा के डी राजा और बिनॉय विश्वम, शिवसेना के संजय राउत, द्रमुक के टीआर बालू और तिरुचि शिवा, सपा के रामगोपाल यादव, एमडीएकमे के वाइको तथा टीआरएस के केशव राव, राजद के एडी सिंह, आईएमयूएल के ईटी मोहम्मद बशीर और केरल कांग्रेस (एम) के जोस के मणि शामिल हुए।