ट्रेंडिंगमुख्य समाचारदेशविदेशखेलबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाफीचरसंपादकीयआपकी रायटिप्पणी

राष्ट्रपति से मिली लालू के खिलाफ केस की मंजूरी

नयी दिल्ली, 8 मई (एजेंसी) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कथित तौर पर ‘जमीन के बदले रेलवे में नौकरी’ घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद के खिलाफ मुकदमा चलाने की...
Advertisement

नयी दिल्ली, 8 मई (एजेंसी)

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कथित तौर पर ‘जमीन के बदले रेलवे में नौकरी’ घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है।

Advertisement

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मुर्मू ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 197(1) और बीएनएसएस, 2023 की धारा 218 के तहत अनिवार्य अनुमति प्रदान की है। ईडी ने मामले की जांच की है और पिछले साल अगस्त में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री, उनके बेटे पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत धनशोधन मामले में आरोप पत्र दायर किया था।

इससे पहले, जनवरी 2024 में, ईडी ने प्रसाद परिवार के एक कथित सहयोगी अमित कत्याल और प्रसाद के परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ अपना पहला आरोप पत्र दायर किया था, जिसमें उनकी पत्नी एवं बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, सांसद बेटी मीसा भारती, एक अन्य बेटी हेमा यादव और दो संबंधित कंपनियां- एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड और एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।

दिल्ली की एक विशेष पीएमएलए अदालत ने इन दोनों आरोप पत्रों (अभियोजन पक्ष की शिकायतों) पर संज्ञान लिया है। यह मामला सीबीआई की प्राथमिकी से बना है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि 2004-2009 के दौरान भारतीय रेलवे में ग्रुप-डी के कर्मचारियों की नियुक्ति में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद (76) भ्रष्टाचार में लिप्त थे। सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार, उम्मीदवारों या उनके परिवार के सदस्यों को रेलवे में नौकरी दिलाने के बदले में कथित तौर पर रिश्वत के तौर पर जमीन हस्तांतरित करने के लिए कहा गया था। ये जमीनें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों के नाम पर पंजीकृत थीं।

Advertisement