आईएएस रानी नागर को जबरन रिटायरमेंट की तैयारी
चंडीगढ़, 7 जुलाई (ट्रिन्यू)
हरियाणा की महिला आईएएस अधिकारी रानी नागर को अब सरकार जबरन सेवानिवृत्ति (रिटायरमेंट) दे सकती है। विवादों में रहीं हरियाणा कैडर की रानी नागर 2014 बैच की आईएएस हैं। वे लंबे समय से गैर-हाजिर चल रही हैं। मुख्य सचिव कार्यालय की ओर से उन्हें चार बार नोटिस दिए जा चुके हैं, लेकिन किसी भी नोटिस का जवाब नहीं आया। ऐसे में अब सरकार उक्त अधिकारी को शायद और मौका नहीं देगी।
सरकार अब केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय को जबरन सेवानिवृत्ति का प्रस्ताव भेज चुकी है। रानी नागर को आखिरी बार 11 मार्च, 2020 को अभिलेखागार विभाग में अतिरिक्त सचिव और निदेशक के पद पर लगाया था। वह यहां 27 अक्तूबर, 2020 तक रहीं। इसके बाद से ही वह ड्यूटी से गैर-हाजिर हैं। महिला आईएएस को प्रदेश सरकार की ओर से पहले भी नोटिस दिए गए थे।
इनका कोई जवाब नहीं मिलने पर केंद्र सरकार को उनकी सेवाएं समाप्त करने की सिफारिश कर दी गई थी। इसके बाद केंद्रीय संघ लोकसेवा आयोग ने नागर को अंतिम व चौथा नोटिस भेजकर एक अवसर और देने के लिए कहा था। रानी नागर की ओर से कोई जवाब नहीं मिलने पर केंद्र सरकार को इस बारे में लिखा जा चुका है।
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की रहने वाली रानी नागर कई मामलों को लेकर सुर्खियों में रही हैं। उन्होंने जहां अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर के एक अधिकारी पर गंभीर आरोप जड़ दिए थे। कोरोना काल के दौरान नौकरी छोड़ने की बात भी इंटरनेट मीडिया पर लिख दी थी। नागर लंबे समय तक छुट्टी पर रहीं।
छुट्टियों की अवधि खत्म होने के बाद प्रदेश सरकार ने उनकी छुट्टियां अस्वीकार करनी शुरू कर दीं, लेकिन वह फिर भी गैरहाजिर चलती रहीं। सरकार ने रानी नागर को मेडिकल जांच कराने का निर्देश देते हुए एक विशेष प्रकार का टेस्ट करवाने के लिए रोहतक पीजीआई को भी लिखा, लेकिन उन्होंने टेस्ट कराने से इनकार कर दिया।