सुरेश एस डुग्गर
जम्मू, 11 नवम्बर
कश्मीर में एक बार फिर 14 साल के बाद बीएसएफ की तैनाती कर उसे आंतरिक सुरक्षा का जिम्मा देने की आरंभ की गई कवायद ने स्पष्ट कर दिया है कि हालात बेहतर नहीं हैं। आधिकारिक तौर पर माना गया है कि कश्मीर की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था को एक बार फिर 14 साल बाद सीमा सुरक्षा बल के हवाले किया जा रहा है। बीएसएफ ने 14 सालों तक वर्ष 1993 से लेकर 2007 तक कश्मीर की आंतरिक सुरक्षा का जिम्मा संभाले रखा था। सूत्रों के अनुसार, पहले चरण में बीएसएफ की लगभग दो दर्जन कंपनियों को कश्मीर में तैनात किया जा रहा है। प्रत्येक कंपनी में सामान्य तौर पर 90 से 100 अधिकारी व जवान होते हैं। बीते एक माह में कश्मीर में अर्धसैनिकबलों की लगभग 55 कंपनियां तैनात की गई हैं। कश्मीर में हाल मेें आतंकी हिंसा और आतंकियों की घुसपैठ की आशंका को रोकने के लिए यह बड़ा कदम है। बीएसएफ को श्रीनगर, पुलवामा, शोपियां, अनंतनाग, गांदरबल, कुलगाम और बारामूला में तैनात किया जा रहा है। इनमें से कुछ कंपनियां केरिपुब के जवानों का स्थान लेंगी। हटाए गए केरिपुब कर्मी कानून व्यवस्था की स्थिति को संभालने के लिए लगाए जाएंगे।
कश्मीर में लगातार हो रही टारगेट किलिंग को देखते हुए सुरक्षा बढ़ा दी गई है। आज श्रीनगर के सरायबल्ला इलाके में सुरक्षाबलों ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए सभी दुकानों को बंद करवाकर छापे मारे। इस बीच दुकानदारों और वहां काम करने वाले लोगों की तलाशी ली गई। अचानक हुई इस कार्रवाई से इलाके में कुछ देर के लिए हलचल तेज हो गई। दरअसल कश्मीर में एक सप्ताह के भीतर दो लोगों की हत्या और ग्रेनेड हमले हो चुके हैं। भीड़भाड़ वाले इलाकों में हुए हमलों के बाद सुरक्षा अचानक बढ़ा दी गई है।