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पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में तीखी बहस की तैयारी

संसद के मानसून सत्र का पहला सप्ताह हंगामे की भेंट चढ़ने के बाद सोमवार से पहलगाम हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर तीखी बहस होने की संभावना है। राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति से जुड़े इन मुद्दों पर सत्ता पक्ष और...
लोकसभा।
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संसद के मानसून सत्र का पहला सप्ताह हंगामे की भेंट चढ़ने के बाद सोमवार से पहलगाम हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर तीखी बहस होने की संभावना है। राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति से जुड़े इन मुद्दों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने होंगे।

सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर इन मुद्दों पर सरकार का पक्ष रखेंगे। ऐसे संकेत हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय सुरक्षा पर अपनी सरकार के ‘मजबूत’ रुख के ट्रैक रिकॉर्ड से अवगत कराने के लिए हस्तक्षेप कर सकते हैं। वहीं, विपक्ष की तरफ से राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव तथा अन्य नेताओं के साथ मिलकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल सकते हैं।

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संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने 25 जुलाई को कहा था कि विपक्ष ने सोमवार को लोकसभा और मंगलवार को राज्यसभा में इन दोनों मुद्दों पर चर्चा शुरू करने पर सहमति जताई है। दोनों पक्षों ने प्रत्येक सदन में 16 घंटे की बहस पर सहमति व्यक्त की है, जो सामान्यत: तय समय से अधिक होती है।

अनुराग ठाकुर, सुधांशु त्रिवेदी और निशिकांत दुबे जैसे मंत्रियों और नेताओं के अलावा, सत्तारूढ़ राजग द्वारा उन सात बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों को भी मैदान में उतारे जाने की उम्मीद है, जो ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत का पक्ष रखने के लिए 30 से अधिक देशों की यात्रा कर चुके हैं।

इनमें शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, जनता दल यूनाइटेड के संजय झा और तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के हरीश बालयोगी शामिल हैं।

हालांकि, अब भी इस पर सवाल है कि क्या शशि थरूर, जिन्होंने अमेरिका सहित अन्य देशों में प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था, को कांग्रेस द्वारा वक्ता के रूप में चुना जाएगा।

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