Prajwal Revanna Assault Case : 'जनता का सेवक' बना अपराधी, पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को मिली उम्र कैद की सजा
Prajwal Revanna Assault Case : कर्नाटक में यहां की एक विशेष अदालत ने पूर्व सांसद एवं जनता दल (सेक्युलर) के निलंबित नेता प्रज्वल रेवन्ना को बलात्कार के एक मामले में शनिवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सांसदों/विधायकों के लिए विशेष अदालत के न्यायाधीश संतोष गजानन भट ने दोषी पर कुल 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
अदालत ने शुक्रवार को 34 वर्षीय रेवन्ना को उसके खिलाफ दर्ज यौन शोषण और बलात्कार के चार मामलों में से एक में दोषी ठहराया था। यह मामला 48 वर्षीय उस महिला से जुड़ा है, जो हासन जिले के होलेनरसीपुरा में स्थित रेवन्ना परिवार के गन्निकाडा फार्महाउस में सहायिका के रूप में काम करती थी। वर्ष 2021 में उसके साथ दो बार बलात्कार किया गया था और आरोपी ने इस कृत्य को अपने मोबाइल फोन में रिकॉर्ड कर लिया था।
इससे पहले दिन में रेवन्ना ने कम सजा दिए जाने की अपील की और दावा किया कि उसने कुछ भी गलत नहीं किया। जद(एस) के निलंबित नेता ने अदालत से कहा कि वह मेकैनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की पढ़ाई कर चुका है और हमेशा योग्यता के आधार पर उत्तीर्ण हुआ है। पूर्व सांसद ने कहा, ‘‘...वे कहते हैं कि मैंने कई महिलाओं के साथ बलात्कार किया है, लेकिन कोई भी महिला स्वेच्छा से शिकायत करने नहीं आई है, वे चुनाव (पिछले साल लोकसभा चुनाव) से छह दिन पहले आई थीं... अभियोजन पक्ष उन्हें जानबूझकर लेकर आया और शिकायत दर्ज करवाई।''
प्रज्वल ने कहा कि महिला (पीड़िता) ने कथित बलात्कार के बारे में अपने पति या रिश्तेदारों समेत किसी से भी शिकायत नहीं की थी। प्रज्वल ने कहा कि जब कुछ वीडियो प्रसारित हुए, तो उसने आकर शिकायत दर्ज कराई। पूर्व सांसद ने कहा था, ‘‘मेरा एक परिवार है, मैंने छह महीने से अपने माता-पिता को नहीं देखा... कृपया मुझे कम सजा दें, मैं अदालत से यही अनुरोध करता हूं।'' पिछले साल मई में जर्मनी से आने पर गिरफ्तार किए गए प्रज्वल ने कहा, ‘‘मैंने अपने जीवन में बस यही गलती की है कि मैं राजनीति में तेजी से आगे बढ़ा।''
मामले की जांच करने वाले विशेष जांच दल (एसआईटी) ने सितंबर 2024 में 113 गवाहों के बयानों के साथ 1,632 पृष्ठों का आरोप-पत्र दाखिल किया था। प्रज्वल पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 376(2)(के) (किसी महिला पर नियंत्रण या प्रभुत्व की स्थिति में होने पर उसके साथ बलात्कार करना), 376 (2)(एन) (एक ही महिला से बार-बार बलात्कार करना), 354ए (यौन उत्पीड़न), 354बी (किसी महिला को निर्वस्त्र करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 354सी (ताक-झांक), 506 (आपराधिक धमकी) और 201 (साक्ष्यों को गायब करना) तथा सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 66ई (गोपनीयता का उल्लंघन) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
शुक्रवार को प्रज्वल रेवन्ना को दोषी ठहराए जाने के बाद विशेष लोक अभियोजक अशोक नायक और अतिरिक्त एसपीपी बी एन जगदीश ने कहा था कि अदालत ने अभियोजन पक्ष के मामले को स्वीकार कर लिया है और उसे सभी मामलों में दोषी ठहराया है। विशेष सरकारी अभियोजक अशोक नायक ने संवाददाताओं को बताया था कि अभियोजन पक्ष ने 26 गवाहों से पूछताछ की और 180 दस्तावेज पेश किए। प्रज्वल रेवन्ना पूर्व प्रधानमंत्री एवं जद (एस) के संरक्षक एच डी देवेगौड़ा का पोता है। उसके खिलाफ चार अलग-अलग मामले दर्ज हैं, जिनकी जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया था।
ये मामले तब सामने आए थे, जब प्रज्वल से कथित तौर पर जुड़े अश्लील वीडियो हासन में 26 अप्रैल 2024 को होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले प्रसारित हुए थे। एसआईटी ने होलेनरसीपुरा टाउन पुलिस थाने में दर्ज एक मामले के सिलसिले में प्रज्वल को पिछले साल 31 मई को बेंगलुरु हवाई अड्डे पर उस समय गिरफ्तार किया था, जब वह जर्मनी से लौटे थे। प्रज्वल 2024 के लोकसभा चुनाव में हासन संसदीय क्षेत्र से हार गया था। बाद में जद (एस) ने उसे पार्टी से निलंबित कर दिया था।